रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंगों और उल्लास के महापर्व होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने इस पावन अवसर पर सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि, आनंद और परस्पर प्रेम की कामना की है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में नई ऊर्जा और …
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महाकाल कॉरिडोर की तरह ऐतिहासिक महादेव घाट के शिव मंदिर और नदी का होगा कायाकल्प
रायपुर महाकाल कॉरिडोर की तरह ऐतिहासिक महादेव घाट के शिव मंदिर और नदी का वह तट जो मंदिर के ठीक पीछे से रायपुरा पुल की ओर जाता है, इसी प्रकार मुक्तिधाम को छोड़ भाठागांव बायपास रोड की ओर जहां आजू-बाजू दुकानें हैं उस एरिया को भी व्यवस्थित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में नगर निगम के लिए 10 …
Read More »राज्य में कक्षा 5वीं एवं 8वीं की परीक्षा 17 मार्च से प्रारंभ
बलरामपुर राज्य में कक्षा 5वीं एवं 8वीं की केन्द्रीकृत वार्षिक परीक्षाएं 17 मार्च से 03 अप्रैल 2025 तक आयोजित होंगी। परीक्षाओं के लिए कक्षा 5वीं हेतु प्रातः 09 बजे से 11 बजे तक तथा कक्षा 8वीं हेतु प्रातः 09 बजे से 12 बजे तक निर्धारित किया गया है। बलरामपुर -रामानुजगंज जिले में कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देशन एवं जिला शिक्षा …
Read More »26 मार्च को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के लिए साक्षात्कार, 33 लोगों को किया आमंत्रित
रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए 26 मार्च को साक्षात्कार बुलाया गया है. अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए 114 आवेदनकर्ताओं ने आवेदन प्रस्तुत किया है. सर्च समिति ने आवेदनों की प्रारंभिक स्क्रूटनी के बाद …
Read More »75 साल बाद भी रौशनी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ये गांव
खैरागढ़ भारत जहां एक तरफ लगातार विकास की सीढ़ियां चढ़ रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव आजादी के 75 साल बाद भी रौशनी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यह गांव मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है. यहां ग्रामीण पहले नक्सलियों के दहशत के साये में जीते रहे. आईटीबीपी कैंप की स्थापना के बाद यहां लोगों को …
Read More »75 साल बाद भी रौशनी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ये गांव
खैरागढ़ भारत जहां एक तरफ लगातार विकास की सीढ़ियां चढ़ रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव आजादी के 75 साल बाद भी रौशनी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यह गांव मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है. यहां ग्रामीण पहले नक्सलियों के दहशत के साये में जीते रहे. आईटीबीपी कैंप की स्थापना के बाद यहां लोगों को …
Read More »गंगालूर एरिया कमेटी अन्तर्गत सक्रिय 17 माओवादियों ने माओवादी विचारधारा से तौबा कर किया पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण…
बीजापुर: पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, पुलिस महानिरीक्षक केरिपु सीजी सेक्टर छ0ग0 रायपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज, उप पुलिस महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स बीजापुर सेक्टर के मार्ग दर्शन व पुलिस अधीक्षक बीजापुर के निर्देशन में जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, कोबरा व केरिपु बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से …
Read More »मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की शुरुआत, राज्य में कृषि क्षेत्र में आधुनिकतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट कृषि तकनीकों का होगा उपयोग…
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो गई है. आधुनिकतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट कृषि तकनीकों का उपयोग अब राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी किया जा रहा है. दंतेवाड़ा के किसानों को हाल ही में एआई-आधारित स्मार्ट खेती प्रणाली का लाभ मिला है, जिससे वे बेहतर …
Read More »CG News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने गृह जिले जशपुर के दौरे पर, परिवार के साथ गृह ग्राम बगिया में धूमधाम से मनाएंगे होली का पर्व…
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने गृह जिले जशपुर के दौरे पर हैं, जहां वे अपने परिवार के साथ गृह ग्राम बगिया में होली का पर्व धूमधाम से मनाएंगे. हर साल की तरह इस बार भी वे परंपरागत अंदाज में क्षेत्र के लोगों और कार्यकर्ताओं के साथ उत्साहपूर्वक रंगों का यह त्यौहार मनाएंगे. मुख्यमंत्री का यह दो दिवसीय दौरा उनके समर्थकों और …
Read More »छत्तीसगढ़ की परंपरा : गांव में सुख-षांति स्थापित हो इसलिए गांव वाले होलीका दहन के बाद धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलते है
सुकमा गांव में सुख-षांति स्थापित हो और सभी के दुख-दर्द दूर हो इसलिए गांव वाले होलीका दहन के बाद धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलते है। और देवी कृपा मानते हुए उनके पैरों में कोई भी निषान नहीं होता है। उसके बाद दूसरे दिन उसी राख से होली खेलते है। ये परंपरा पिछले 800 सालों से निभाई जा रही है। …
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