सिंगापुर की धर्मगुरु की करतूतें आई सामने, आदेश न मानने पर भक्तों को खिलाया इंसानी मल, दांत निकलवाए; भारत से है कनेक्शन…

सिंगापुर की धर्मगुरु की करतूतें आई सामने, आदेश न मानने पर भक्तों को खिलाया इंसानी मल, दांत निकलवाए; भारत से है कनेक्शन…

सिंगापुर की 54 साल की धर्मगुरु वू मे हो को साढ़े दस साल जेल की सजा हुई है। सिंगापुर कोर्ट ने उन्हें अपने भक्तों के साथ अमानवीय व्यवहार करने और ठगी करने के आरोप में यह सजा सुनाई है।

वू मे हो पर  इल्जाम लगाए गए थे कि उसने लोगों का ब्रैनवॉश करके उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वह एक देवी का अवतार है और उन्हें उसके सभी आदेशों का पालन बिना किसी संकोच के करना चाहिए। जो भक्त उसके आदेशों का पालन नहीं करते थे तो वह उन्हें क्रूर सजा देती थी।

वू मे हो अपने भक्तों को सजा के तौर पर उनका मल खाने के लिए कहती थी और प्लास से उनके दांत निकालने के लिए कहती थी।

वह अपने अनुयायियों पर कैंची और चाकू जैसी धारदार चीजों से भी वार करती थी। कई बार वह उन्हें इमारत की दूसरी या तीसरी मंजिल से कूदने के लिए भी कहती थी।

चैनल न्यूज एशिया की एक रिपोर्ट में कहा गया कि वू मे हो पर धोखाधड़ी और गंभीर चोट पहुंचाने सहित पांच आरोप साबित हुए हैं। पिछले हफ्ते ही उसे साढ़े दस साल तक जेल की सजा सुनाकर जेल भेज दिया गया है।

सिंगापुर के न्यूज चैनल सीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वू मे हो खुद को भारतीय धर्मगुरू श्री शक्ति नारायणी अम्मा की भक्त बताती थी।

वू मे हो सिंगापुर में साल 2012 से 30 भक्तों के समूह के साथ एक आश्रम का संचालन करती हैं। वू हमेशा एक देवी की तरह मेकअप करके लगाकर रखती थी।

पिछले 12 सालों में उसने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया कि वह देवताओं और आत्माओं के साथ संवाद कर सकती है। इसलिए भक्त उसे अपना भगवान माने। 

एक पीड़ित ने कोर्ट में बताया कि वह अपने रिश्तेदारों को ठीक करने के लिए उनके पास लेकर आए थे। अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वू ने अपने अनुयायियों से कहा कि उन्हें भारत में अम्मा को पैसे भेजकर अपने बुरे कर्मों को अच्छे कर्मों में बदलने की आवश्यकता है।

भक्तों का आरोप यह भी है कि वू ने उनसे जरूरी सामान खरीदने को कहा, घर की सफाई करवाई, खाना बनवाया, गाड़ियों का इंतजाम करने के लिए मजबूर किया।

वू का दावा- इस पैसे से भारत में होगी गायों की देखभाल
वू ने दान के पैसे को भारत भेजने के सवाल पर कहा कि भारत में इस पैसे से गायों की देखरेख होती है और मंदिरों का निर्माण और स्कूल बनाने का काम किया जाता है।

वू ने कहा कि भारत के साथ-साथ इस पैसे से सिंगापुर में भी गौशाला खोलने की व्यवस्था की जा रही है। 

वू पर भक्त से मारपीट का पहला केस 2020 में दर्ज हुआ था, जिसके बाद अक्टूबर में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। वू पर लोगों के ऊपर  जानलेवा हमला करने का भी आरोप है। फिलहाल वू मे हो सिंगापुर की जेल में हैं।

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