नशे के विरूद्ध अभियान के लिए राजनांदगांव जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

नशे के विरूद्ध अभियान के लिए राजनांदगांव जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

राजनांदगांव

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान के प्रभावी जमीनी क्रियान्वयन का असर दिखने लगा है। प्रदेश में एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान के शानदार संचालन के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उल्लेखनीय कार्य के लिए राजनांदगांव जिले को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री साय ने इसके लिए जिला प्रशासन राजनांदगांव को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने नशे के विरूद्ध सतत् अभियान चलाते रहने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों में नशे की आदत को रोकने के लिए प्रभावी अभियान निरंतर चलाते रहें।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं स्वापक ओषधियों के प्रयोग तथा बच्चों के अवैध तस्करी की प्रभावी रोकथाम हेतु एक युद्ध नशे के विरुद्ध पर जॉइंट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के निर्देश थे। मुख्यमंत्री साय ने महिला एवं बाल विकास विभाग को जॉइंट एक्शन प्लान के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए थे। इसके परिपालन में विभाग द्वारा इस अभियान को प्रभावी संचालन हेतु सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए। विभिन्न स्टेक होल्डर्स के लिए प्रशिक्षण आयोजित किये गए। नियमित मॉनिटरिंग की गई। राज्य के सभी जिलों में इस अभियान का संचालन जिला प्रशासन एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा विभिन्न विभागों के समन्वय से किया गया।

सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई जिसमें महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग ,उच्च शिक्षा विभाग समाज कल्याण और औषध नियंत्रक विभाग आदि सभी की सहभागिता कर समन्वय समिति का गठन किया गया। जिलों में इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रचार प्रसार किया गया।बच्चों को नशे का आदि बनाने एवं नशे के व्यापार से जोडने के दोषियों के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 एवं 78 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

राज्य स्तर से जारी निर्देश एवं एक्शन प्लान के अनुसार सभी जिलों में कार्य हुए। राजनांदगांव जिले में सबसे उल्लेखनीय कार्य किया गया। जिलें के सभी स्कूलों में प्रहरी क्लब बनाए गए। नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन शासकीय एवं निजी स्कूल में बनाए गए प्रहरी क्लब के माध्यम से किया गया। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सभी स्कूलों के आसपास शराब दुकानों को हटाया गया है। औषधि प्रशासन विभाग द्वारा एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की गई एवम लगातार चालान की कार्यवाही की गई । जिलें में एक लाख से अधिक की राशि का चालान काटा गया। दुकानों से जहां बच्चों को नशे तंबाकू का पदार्थ दिया जा रहा था या दुकानें स्कूल के पास संचालित थे। उन पर कार्रवाई की गई जिले में कलेक्टर द्वारा सभी दवाई दुकानों में सीसीटीवी लगाने का आदेश जारी किया गए तथा लगातार दुकानों में सीसीटीवी के माध्यम से जिले में पुलिस विभाग एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की गई।

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