बाबा नारायण साकार कुंवारी लड़कियों को ही बनाते थे शिष्या, देते थे खास दीक्षा

बाबा नारायण साकार कुंवारी लड़कियों को ही बनाते थे शिष्या, देते थे खास दीक्षा

हाथरस सत्संग हादसे के बाद बाबा नारायण साकार हरि को लेकर हर रोज कुछ नए खुलासे हो रहे है। बाबा के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने बाबा को लेकर हैरान कर देने वाले खुलासे किए है। महिलाओं का कहना है कि बाबा को लाल रंग बेहद पसंद हैं और वह केवल कुंवारी लड़कियों को ही अपना शिष्या बनाते थे। लड़कियों को बाबा से विशेष दीक्षा लेनी पड़ती थी। बाबा का पूरा कामकाज लड़कियां संभालती थी। लड़कियां बाबा के स्नान के लिए विशेष पानी तैयार करती थी, जिसमे नीम के साथ गुलाब की पंखुड़ियां, खुशबू आदि कई चीजें मिलाई जाती थी। पानी तैयार होने के बाद बाबा स्नान करते थे। वहीं एक महिला ने यह भी बोला कि बाबा को खाना भी लड़कियां अपने हाथों से खिलाती थी और हमेशा बाबा के सेवा के लिए उनके आसपास रहा करती थी। लड़कियां सत्संग में वही ड्रेस पहनकर आती थी जो बाबा के सत्संग समिति की ओर से  दिया जाता था। लाल रंग के ड्रेस के अलावा गहने भी दिए जाते थे। जिसे लड़कियां पहनकर बाबा के इर्द-गिर्द नाचती थी। डांस खत्म होने के बाद लड़कियां अपनी ड्रेस बदल लेती थी।

कुंवारी लड़कियां बाबा को अपना पति मानती थीं…

महिलाओं ने बाबा के बारे में आगे बोला कि बाबा सूरजपाल के आसपास हमेशा कुंवारी लड़कियां ही रहती थी, जो बाबा को अपना पति मानती थीं और उसकी एक आवाज पर कुछ भी करने को तैयार रहती थी। उन्होंने बताया कि सत्संग के दौरान बाबा हमेशा काला चश्मा पहना करता था। उन लड़कियों को सूरज पाल के चश्मे में भगवान का रूप दिखता था। वहीं एक अन्य महिला ने बताया कि सुहागिन महिलाओं से बाबा दूर रहते थे। वे शादीशुदा महिलाओं को अपने पास नहीं आने देते थे। वहीं सुहागिन महिलाओं को सूरजपाल में भोले बाबा के दर्शन होते थे। उनके लिए अलग श्रेणियां तय थीं। कुंवारी लड़कियां ही सुरजपाल की शिष्याएं थी और बाबा केवल कुंवारी लड़कियों को ही अपने आस-पास रखते थे। 

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