गडकरी बाले- ‘जो करेगा जाति की बात, उसे पड़ेगी कसकर लात’

गडकरी बाले- ‘जो करेगा जाति की बात, उसे पड़ेगी कसकर लात’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नितिन गडकरी ने जातिवाद की राजनीति को लेकर सख्त बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी देश में जाति की बात करेगा, वे उसे जमकर फटकार लगाएंगे। गडकरी ने यह भी कह दिया,‘जो करेगा जाति की बात, उसे पड़ेगी कसकर लात। गडकरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने लगातार मतदाताओं का भरोसा जीता है। उन्होंने भाजपा नेताओं से यह भी कहा कि वो गलती न दोहराएं, जिस वजह से कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई है। गडकरी ने स्पष्ट रूप से कहा,‘अगर हम कांग्रेस की तरह काम करते रहेंगे तो कांग्रेस का सत्ता से बाहर जाने का कोई फायदा नहीं और हमारा सत्ता में आने का भी कोई फायदा नहीं है।’ आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बहुमत हासिल न कर पाने को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रहीं थीं। गडकरी का यह बयान उन बयानों के संदर्भ में आया है। दरअसल, गडकरी गोवा के पणजी में भाजपा नेताओं की एक बैठठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में गोवा भाजपा अध्यक्ष सदानंद तनावड़े और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे। अपने 40 मिनट के संबोधन में गडकरी पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के ‘भाजपा अलग सोच वाली पार्टी है’ वाले बयान को भी याद किया। भाजपा नेता ने कहा, ‘आडवाणी कहते थे कि भाजपा अलग सोच वाली पार्टी है। हम जानते हैं कि हम दूसरे दलों से कितने अलग हैं।’

गडकरी की भाजपा नेताओं को चेतावनी

गडकरी ने आगे कहा कि जनता ने भाजपा को इसलिए चुना है क्योंकि कांग्रेस ने गलतियां कीं थीं। उन्होंने भाजपा नेताओं को चेताया कि पार्टी इसी तरह की गलतियों को दोहरा रही है। भाजपा नेता ने कहा,‘आने वाले दिनों में भाजपा नेताओं को यह समझना होगा कि राजनीति समाज और आर्थिकी में बदलाव का एक जरिया है।’उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा को भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाना है। इसके बाद गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में जातिवाद को लेकर बहुत बयानबाजी होती हैं। गडकरी ने कहा, ‘मैंने तय किया है कि मैं जातिवाद की राजनीति का समर्थन नहीं करूंगा। मैंने लोगों से कहा है कि मैं जात-पात की राजनीति में नहीं उलझूंगा।’ गडकरी ने चेतावनी दी, ‘जो करेगा जाति की बात, उसे पड़ेगी कसकर लात।’ गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति को उसके कामों की वजह से जाना जाता है ना कि जाति से। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अक्टूबर-नवंबर में 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं।

 

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