बजट में सरकार ला सकती है ई-बैंक गारंटी, टैक्स चोरी पर लगाम लगाने का प्रस्ताव

बजट में सरकार ला सकती है ई-बैंक गारंटी, टैक्स चोरी पर लगाम लगाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार आम बजट में सीमा शुल्क नियमों में कई बदलाव करने का प्रस्ताव सदन में रख सकती है। इसका मकसद कुछ खास छूट देना और अनुपालन को बढ़ाना भी हो सकता है। इसकी जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने, झंझट के बगैर अनुपालन करने और कर चोरी पर लगाम लगाने के मकसद से सीमा शुल्क में कुछ जरूरी उपायों पर विचार-विमर्श किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार राजस्व चोरी पर लगाम लगाने के इरादे से आयातकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी या ई-बैंक गारंटी शुरू करने की योजना बना रहा है। कुछ वस्तुओं पर शुल्क माफी जारी रखने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए चिकित्सा उपकरण और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क की दरें बदलने की भी योजना है। रिफंड करने की प्रक्रिया और शुल्कों की विनिमय दरों की सूचना देने में लगने वाला समय कम करने से जुड़े उपायों पर भी चर्चा की गई। यदि सीमा शुल्क की रकम में अंतर होता है तो जो रकम जमा होती है उसके बराबर बैंक गारंटी अधिकारी मांगते हैं। गारंटी मिलने पर ही मंजूरी दी जाती है। एक अ​धिकारी ने बताया कि कागजी बैंक गारंटी का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिस पर नजर रखना अधिकारियों के लिए चुनौती होती है। इस वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है।
अधिकारी ने बताया कि अगर किसी व्यापारी से घटी हुई दर पर शुल्क लिया गया और बाद में पता चला कि असल में ज्यादा शुल्क लिया जाना था तो उसे सरकार को रकम देनी होती है। कागजी बैंक गारंटी के कारण यह रकम अक्सर डूब जाती है और सीमा शुल्क अधिकारी इसकी वसूली नहीं कर पाते। आयातकों को बैंक गारंटी मिलना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि बैंक अवधि, आयातक की जोखिम रेटिंग और रकम आदि के हिसाब से बैंक गारंटी जारी करने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं।
सीबीआईसी ने सीमा शुल्क अधिकारियों को कई निर्देश जारी कर यह जांचने के लिए कहा है कि बैंक गारंटी असली है या नहीं। साथ ही बैंक गारंटी का रिकॉर्ड रखने के लिए भी कहा गया है ताकि राजस्व की चोरी न हो पाए।

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