रायपुर : जूते-चप्पल पहने किसी को आता देखकर बिरहोर भाग जाते थे, उनसे जुड़ने जागेश्वर यादव ने ली जीवन भर नंगे पाँव रहने की शपथ…

रायपुर : जूते-चप्पल पहने किसी को आता देखकर बिरहोर भाग जाते थे, उनसे जुड़ने जागेश्वर यादव ने ली जीवन भर नंगे पाँव रहने की शपथ…

बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं, कोरोना की वैक्सीन लगवाने जब प्रशासन थकहार गया तब यादव की ली मदद, उनके कहने पर टीके के लिए तैयार हुए बिरहोर, राष्ट्रपति के हाथों करेंगे पद्मश्री सम्मान ग्रहण

राज्य अतिथि गृह पहुना में मुख्यमंत्री साय ने जागेश्वर यादव को छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाने के लिए किया सम्मानित

अपने कार्यों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी जोड़ा, बिरहोरों के साथ बैठकर पतरी में खाना खाते थे साय

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बिरहोर कुछ सालों पहले तक इतने संकोची थे कि जूते-चप्पल पहने हुए किसी को आता देखकर भाग जाते थे।

उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने जागेश्वर यादव ने जीवन भर जूते-चप्पल नहीं पहनने का संकल्प किया ताकि वे मिलने से सकुचाये नहीं।

धीरे-धीरे वे बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुए और अभी बिरहोरों की पहली पीढ़ी शिक्षित हो गई है। वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेने आगे बढ़ रहे हैं।

जब जागेश्वर यादव 21 वर्ष के थे तब उन्होंने बिरहोर जनजाति के लोगों की दुर्दशा देखी और उनकी सेवा का संकल्प लिया। आज चार दशक हो गये हैं और उनका सेवा कार्य अनवरत जारी है।

संकल्पित भाव से बिरहोर जनजाति की सेवा करने वाले और पिछड़े वर्ग से आने वाले इस जननायक और सेवाभावी कार्यकर्ता का सम्मान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में किया।

मुख्यमंत्री ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है।

यादव ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पूरे रास्ते में आपका भरपूर सहयोग मिला जिसे मैं कभी नहीं भूलूँगा।

आपने बिरहोर भाइयों के साथ बैठकर पतरी में चावल खाया। उनकी शिक्षा के लिए जो भी योजनाएं हम आपके पास लेकर गये। आपने कहा कि ये अच्छा काम है इसे आगे बढ़ाइये, मैं इसमें आपकी मदद करूंगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली ही कैबिनेट में आवासीहीनों को आवास उपलब्ध कराने का जो निर्णय लिया है। उससे सभी बिरहोरों को पक्का मकान मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर यादव को पद्मश्री के लिए सम्मानित किये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय सेवा भाव से संकल्पित एक कार्यकर्ता का सम्मान है।

जब प्रदेश में कोरोना फैला और मोदी जी ने वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई तब बिरहोर लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर आशंकाएं थीं और प्रशासन के अनेक बार आग्रह करने पर भी उन्होंने इसके लिए मना कर दिया।

फिर जागेश्वर यादव को इसके लिए बिरहोरों को तैयार करने भेजा गया। बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं। जब जागेश्वर यादव ने आग्रह किया तो सब तैयार हो गये, ये उनकी बिरहोरों की बीच गहरी पैठ का प्रमाण है।

पाली विकासखंड में उन्होंने 3 कार्यक्रम बिरहोरों के लिए कराए और हर बार मैं इन कार्यक्रमों में शामिल हुआ। इनके सम्मान की जब जानकारी मुझे मिली तो मुझे बहुत खुशी हुई।

उल्लेखनीय है कि जागेश्वर यादव के प्रयासों से न केवल बिरहोर लोग शिक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने खेती भी करना आरंभ कर दिया है। जो बिरहोर भिक्षावृत्ति से जुड़े थे वे आज धान बेच रहे हैं।

धरमजयगढ़ के ग्राम खलबोरा के केंदा राम अब धान बेच रहे हैं। बिरहोरों के लिए जागेश्वर यादव ने धरमजयगढ़ में आश्रम भी आरंभ किया है। उनको पद्मश्री मिलने पर बिरहोरों में भी काफी खुशी का माहौल है।

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