गंडक नदी की बाढ़ से हड़कंप, आधा दर्जन गांवों को खतरा, लोग अपने घरों को तोड़ रहे

गंडक नदी की बाढ़ से हड़कंप, आधा दर्जन गांवों को खतरा, लोग अपने घरों को तोड़ रहे

बिहार के बेतिया से बड़ी खबर है. जहां योगापट्टी के सिसवा मंगलपुर पंचायत से भीषण कटाव की तस्वीर सामने आई है. आधा दर्जन गांव के ग्रामीण अधिकारियों को त्राहिमाम संदेश भेज रहें है. लेकिन लापरवाह अधिकारी बाढ़ कटाव पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. गंडक नदी तांडव मचा रहीं है. सैकड़ों एकड़ जमीन काट चुकी है. नदी गांव के किनारे पहुंच गई है. ग्रामीण अपने-अपने घरों को तोड़ रहें है. 

गंडक नदी का भीषण कटाव

सिसवा मंगलपुर खाप टोला में नदी तांडव मचा रहीं है. लेकिन, आज उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. एक महिला का आरोप है कि जब चुनाव आता है तो हमारे गांव नेता अधिकारी वोट के लिए आते है लेकिन आज घर कट रहा है तो कोई देखने वाला भी नहीं आया है. गांव के जयनारायण मुखिया, जवाहिर यादव, दीपू पांडे ने बताया कि एक ठोकर निर्माण हो जाता तो गांव कटने से बच जाता. अभी तक कोई अधिकारी हमारा सुध लेने नहीं पहुंचा है. नदी का भयावह रूप सामने आया है. पहले जो सैंड बैग कटाव के लिए नदी किनारे रखे गए थे. अब वह नदी के गर्भ में समा रहें है. 

जमशेदपुर में लगातार हो रही बारिश 

बता दें कि सिसवा मंगलपुर पंचायत के आधा दर्जन गांवों में गंड़क नदी तांडव मचा रहीं है. लेकिन उन गांवो को बचाने या बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने अधिकारी नहीं जा रहें है. वहीं झारखंड के जमशेदपुर में देर रात से ही हो रही झमाझम बारिश से लोगों को जहां गर्मी से राहत मिली है, तो वहीं सुबह से भी लगातार हो रही है बारिश से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. 

बारिश से किसानों के चेहरे खिले 

जानकारी के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में उठे निम्न दबाव का यह असर है जो जमशेदपुर और आस पास के इलाकों में देखने को मिल रहा है. हालांकि इस बारिश से कहीं न कहीं जो किसान मायूस हो गए थे. उनका चेहरा अब खिल उठेगा, किसान अब अपने खेतों में धान का बीज लगा सकेंगे. 

इस साल झारखंड में बारिश का अनुमान काफी कम 

बता दें कि इस बार पूरे झारखंड में बारिश अनुमान से भी काफी कम हुआ है. जिससे पूरे राज्य में सुखाड़ की स्थिति बन गईं थी. मगर यह बारिश किसानों के चेहरे पर थोड़ी खुसी लाने का काम करेगी. मौसम विभाग की मानें तो पूरे इलाके में दो दिनों तक यह बारिश रहेगी. जिससे किसानों को अब राहत की सांस मिलेगी. 

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