छत्तीसगढ़-बालोद के स्कूलों में भरा पानी, बस स्टैंड बने तालाब

छत्तीसगढ़-बालोद के स्कूलों में भरा पानी, बस स्टैंड बने तालाब

बालोद.

बीते तीन दिनों से हो रही बारिश ने बालोद जिले का सूखा खत्म कर दिया है। लेकिन कई ऐसे हादसे सामने आए हैं। जिसने दिल दहला दिया है। वहीं जलभराव के कारण स्थिति अब बद से बदतर हो जा रही है। पहले दिन कार सहित नाले में डूबने से भानपुरी निवासी एक डॉक्टर की मौत हुई तो दूसरे दिन मुल्लेगुडा निवासी एक युवक बाढ़ की चपेट में आया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई।

वहीं बीते रात एक छह लोगों से भरी कार बालोद थाना क्षेत्र के ग्राम सांकरा और बरही के बीच बने नाले में बह गई। हालाकि कार सवार सभी लोग सुरक्षित हैं।  कार जो है वो नाले में बह गई है और पानी कम होने के बाद कार का रेस्क्यू किया जाएगा। आपको बता दें कि शहर का बस स्टैंड स्विमिंग पूल में तब्दील हो चुका है। बस स्टैंड के बाजू से गुजरने वाले एनएच 930 के निर्माण के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई है। बस स्टैंड में 3 फीट तक पानी भर गया जिसके कारण आवागमन प्रभावित रहा बड़े टायर वाले वाहन जैसे तैसे बस स्टैंड में घुसे लेकिन यहां पर छोटे वाहन का घुस पाना असम्भव था।

आधा दर्जन स्कूलों में घुसा पानी
बारिश के वजह से आधा दर्जन स्कूलों में ताला लगा हुआ है। जिसमें गुरुर तहसील के स्कूल सबसे ज्यादा शामिल है। यहां पर डोट पर लगोरी पर स्कूल जलमग्न हो गया है। जिसके कारण बच्चों को छुट्टियां दे दी गई है। इसी तरह हाल कुछ शासकीय दफ्तरों तक भी पानी पहुंच गया और कर्मचारियों की संख्या भी काफी कम रही। स्कूल कॉलेज में भी बच्चों की उपस्थिति बेहद कम रही।

तेजी से जलाशयों का बढ़ा जल स्तर
आपको बता दें कि इस वर्ष तांदुला जलाशय का जलस्तर सबसे निचले स्तर पर था। लेकिन दो दिनों से हुई बारिश की वजह से तेजी से जलभराव दर्ज किया गया है। वर्तमान ने जलाशय दो दिनों के बारिश के बाद 23 फीट तक चला गया है। इसका कैचमेंट एरिया जंगल क्षेत्र होने की वजह से अब यहां पानी का आना बढ़ेगा। जिससे यह मंगलवार शाम तक 2 फीट और बढ़ सकता है। इस जलाशय को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। तांदुला जलाशय में 20 फीसदी जलपुरा हुआ है। वहीं गोंदली जलाशय में 12 और खरखरा जलाशय में 25 प्रतिशत जल भरा हुआ है। वहीं मटिया मोती जलाशय में 30 फीसदी जल भरा हुआ है।

कई घरों में भरा पानी
बारिश की वजह से बालोद शहर के कई घरों में पानी भर गया है। आपको बता दें किसी कार्य पर के मोहल्ले जल मत ना हो गए हैं और जो कई अवैध कालोनियां बालोद में बसी हुई है। वहां भी पानी भर चुका है। यह पूरी घटना नेशनल हाईवे निर्माण की वजह से सामने आई है। लोगों के घरों में बर्तन पानी में तैर रहे थे। बात रेलवे कॉलोनी की करें तो यह भी पूरी तरह जल मग्न हो गया है। लोगों को जीवन यापन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

कलेक्टर ने की आम जनता से सावधानी बरतने की अपील
कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने विगत कुछ दिनों से प्रदेश के साथ-साथ बालोद जिले में लगातार हो रही तेज बारिश को देखते हुए जिले के आम नागरिकों से इस दौरान सावधानी बरतने की अपील की। जिससे की इस दौरान किसी भी प्रकार की जन-धन की हानि की रोकथाम सुनिश्चित हो सके। कलेक्टर चन्द्रवाल ने कहा कि बालोद जिले में लगातार हो रही बारिश से नदी नालों एवं नीचले इलाकों में पानी का स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसे कठिन समय में जिले के आमजनों से अपील की जाती है कि वे नदी नालों व जलभराव वाले स्थानों से दूर रहें। सड़क और पुल के उपर से पानी बहने की स्थिति में उस जगह को पार करने का जोखिम बिल्कुल भी ना उठाएं।

बस स्टैंड पर बन रहे रील और मीम्स
आपको बता दे की बालोद का बस स्टैंड पूरी तरह तालाब में तब्दील हो गया है। जिसको लेकर अब सोशल मीडिया से जुड़े हुए लोग मेंस और रेल बनाने में जुड़े हुए हैं। कोई इसे तालाब कह रहा है तो कोई यह कह रहा है कि यदि कांधला जलाशय घूमने आए तो यह तालाब भी घूम कर जरूर जाएं।

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