कुर्सी बचाने वाला बजट बताने पर विपक्ष पर भड़की वित्त मंत्री सीतारमण

कुर्सी बचाने वाला बजट बताने पर विपक्ष पर भड़की वित्त मंत्री सीतारमण

राज्यसभा में कांग्रेस को दे डाली चुनौती कहा-आप अपने हर बजट का भाषण दिखाएं 

नई दिल्ली। मंगलवार को देश सदन में देश का आम बजट वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया था। इस बजट को लेकर बुधवार को संसद में जोरदार हंगामा हो गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को भेदभावपूर्ण बताया और कहा कि यह बजट कुर्सी बचाने वाला है। खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बजट में ना तमिलनाडु, न कर्नाटक, न हरियाणा, न राजस्थान, और ना ओडिशा को कुछ मिला है। किसी को खुश करने के लिए यह बजट है। खड़गे के इस आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भड़क गईं और बजट में राज्यों के नाम पर कांग्रेस को चुनौती दे डाली और सवाल किया कि क्या आपने अपने सभी बजट भाषणों में सभी राज्यों का नाम लिया था?

राज्यों का नाम नहीं लिया, इसका मतलब यह नहीं कि उन राज्यों को कुछ नहीं दिया 


विपक्ष का आरोप है कि इस बजट में केवल दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश को ही फंड दिया गया बाकी राज्यों को कुछ खास नहीं मिला दिया। उधर सीतारमण ने इस आरोप को ‘अपमानजनक’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस लोगों के मन में यह धारणा बनाने की कोशिश कर रही है कि दूसरे राज्यों को कुछ नहीं दिया गया है। सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आप अपना हर बजट भाषण हमें दिखाइए कि आपने अपने समय में हर राज्य का नाम लिया था। हमने अपने बजट भाषण में सभी राज्यों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने उन राज्यों को कुछ नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने वधावन में एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था, लेकिन बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया तो इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र को कुछ नहीं दिया है? अगर भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का लोगों को यह धारणा बनाने का एक जानबूझकर प्रयास है कि अन्य राज्यों को कुछ नहीं दिया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।

बंगाल को 10 साल में कई योजनाएं दी गईं


वित्त मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र को हमने 6000 करोड़ रुपए दिए, लेकिन भाषण में इसका जिक्र नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल को 10 साल में कई योजनाएं दी गईं, लेकिन बंगाल ने केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया और अब वे सवाल कर रहे हैं। सीतारमण के इस आरोप पर बंगाल की सांसद भड़क गईं और फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया। इससे पहले खड़गे ने विपक्ष की तरफ से मोर्चा संभालते हुए सरकार पर आरोप लगाया, ‘कुर्सी बचाने के लिए यह सब हुआ है… हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करेंगे। इंडिया गठबंधन के सभी दल इसका विरोध करेंगे…अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?’ इसके साथ ही विपक्षी दल के सभी सदस्य राज्यसभा से वॉकआउट कर गए।

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