रक्षाबंधन पर भद्रा का साया…अयोध्या के ज्योतिषी से जानें इस अशुभ काल में राखी बांधने के परिणाम

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया…अयोध्या के ज्योतिषी से जानें इस अशुभ काल में राखी बांधने के परिणाम

अयोध्या: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक आ रहा है और हर भाई-बहन इस पर्व का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी बांधना एक महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान होता है, लेकिन इस बार रक्षाबंधन भद्रा काल का प्रकोप नजर आ रहा है. भद्रा काल के कारण इस शुभ समय पर सवाल खड़ा कर रहा है. क्या इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रकोप होगा? अगर कोई इसी वक्त राखी बांधता है तो क्या होगा? प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शर्मा ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी.

भद्रा काल हिंदू पंचांग के अनुसार अशुभ माना जाता है. इस काल में किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित होता है. पंडित राकेश शर्मा बताते हैं, “भद्रा काल का समय अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, या राखी बांधना, नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से अशुभ प्रभाव पड़ता है और कार्य में विघ्न आ सकते हैं.

रक्षाबंधन पर भद्रा काल
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने बताया कि , “इस बार भद्रा काल का प्रकोप रक्षाबंधन पर पड़ेगा. भद्रा काल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा. इस समय के दौरान राखी बांधना वर्जित है.

भद्रा काल में राखी बांधने के परिणाम
पंडित कल्कि राम ने बताया कि अगर कोई भद्रा काल में राखी बांधता है तो उसके परिणाम अशुभ हो सकते हैं. पंडित कल्कि राम बताते हैं की , “भद्रा काल में राखी बांधने से भाई और बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है. साथ ही, यह कार्य अशुभ फल दे सकता है और भाई-बहन के जीवन में समस्याएं आ सकती हैं. इसीलिए भद्रा काल में राखी बांधने से बचना चाहिए.

इस बार क्या है शुभ मुहूर्त
अयोध्या के ज्योतिष के मुताबिक”भद्रा काल समाप्त होने के बाद, दोपहर 1:30 बजे के बाद से रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा. राखी बांधने के लिए यह समय सबसे उत्तम होगा. इस दौरान राखी बांधने से शुभ फल प्राप्त होंगे और भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होगा.
 

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