विधानसभा में डायरिया-मलेरिया पर पक्ष-विपक्ष हुए आमने-सामने

रायपुर

विधानसभा में शुक्रवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष मलेरिया और डायरिया पर आमने-सामने थे. चर्चा के दौरान मंत्री केदार कश्यप ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- पिछली सरकार में अगर तब के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य विभाग की ओर ध्यान दे दिए रहते तो आज ये हालात नहीं होती. केदार कश्यप के बयान से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष के वॉकआउट पर बीजेपी सदस्यों ने ‘घड़ियाली आंसू मत बहाओ’ के नारे लगाए.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मलेरिया और डायरिया भयावह है. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रतनपुर इलाके में एक बैड पर तीन-तीन मरीजों को रखा गया. सभी जिलों में स्थिति खराब है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री फिर भी इंकार कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा मलेरिया से 15 लोगों की मौत हुई है, लेकिन डायरिया से मृत्यु किसी की नहीं हुई है. मैं मानता हूँ कि अभी कोविड जैसी स्थिति डायरिया के लिए व्यवस्था नहीं हो सकती है.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि एक ध्यानाकर्षण में कितने सवाल किए जा सकते थे? और क्या अकेले भूपेश बघेल ही सवाल करते रहेंगे. इस पर व्यवस्था दी जाए. इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप भूपेश बघेल के लिए कुछ ज्यादा ही उदार नजर आ रहे हैं. इस उदारता का क्या कारण है ?

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि क्या यह भी सही नहीं है कि मलेरिया-डायरिया से मौत हो रही है. उस पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था ? क्या यह भी सही नहीं है कि हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस दिया है ? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया यह सही है, और हम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं.

महंत ने कहा कि 12 करोड़ की दवाई को एक्सपायरी बताकर फेंक दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 12 करोड़ की नहीं 87 लाख की दवाइयाँ एक्सपायरी हुई है. मच्छरदानी हमनें नहीं खरीदी है, भारत सरकार ने जो भेजी है उसका वितरण किया है. स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असतुंष्ट विपक्ष ने बहिर्गमन किया.

इसके पहले विधानसभा में भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ध्यानाकर्षण के जरिए मुद्दा उठाते हुए प्रदेश के कई जिलों में मलेरिया और डायरिया के प्रकोप की बात कही. मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि सभी जिलों में लगातार जांच की जा रही है. मंत्री ने बताया कि बस्तर संभाग में मलेरिया नियंत्रण में है. वहीं दो बच्चों की मौत का कारण देर से अस्पताल लाया जाना है. इसके साथ ही मच्छरदानी का वितरण लगातार किया जा रहा है. दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है.

मोतीलाल साहू ने कहा कि पिछली सरकार ने भुगतान नहीं किया इसलिए दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि कहीं भी पेमेंट नहीं होने की वजह से दवाओं की आपूर्ति नहीं रोकी गई है. दवाओं और जांच किट की पर्याप्त आपूर्ति की गई है. विभाग की टीम बस्तर में नाव से दूरस्थ गांवों तक पहुंचकर जांच कर रही है, कहीं भी कोई कमी नहीं है, पिछली सरकार से अधिक जांच की गई है.

भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने सुझाव दिया है जिले के उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों को निर्देशित किया जाए. मलेरिया पीड़ितों की जानकारी सही समय पर स्वास्थ्य विभाग तक पहुँच जाए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 6 विभागों में समन्वय के जरिए काम कर रहे हैं.

कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में दो लोगों की मृत्यु मलेरिया से हुई है. मैंने मंत्री से आग्रह किया था कि बेलगहना के आस-पास कैंप लगवा दिया जाए. लेकिन अभी तक कैंप नहीं लग पाया है. अंदरुनी इलाकों में जो जरूरी तैयारियां वो पूरी हुई चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रभावित इलाके में टीम गई थी. कोटा के आस-पास 385 मरीज भर्ती थे, लेकिन मलेरिया से किसी की मृत्यु नहीं हुई है.

अकलतरा विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा मेरे विधानसभा क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया के मरीजों की संखया बढ़ी. कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है. अस्पतालों में व्यवस्था पर्याप्त रूप से की जाए. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जांजगीर जिले में किसी की मृत्यु डायरिया से नहीं हुई है. व्यवस्थाओं में जो कमी उसे दूर कर लिया जाएगा.

भिलाई नगर विधायक देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सही जानकारी नहीं दे रहे हैं. बिलासपुर, कवर्धा, बीजापुर में कई लोगों की मलेरिया और डायरिया से मृत्यु हुई है. ऐसे में व्यवस्था दुरस्त करने की मांग कर रहा हूं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्य मौत पर राजनीति न करें. कांग्रेस सरकार में हर साल दर्जनों लोगों की मौत मलेरिया से हुई है. हम लोग साय सरकार में व्यवस्थाओं को बेहतर से बेहतर कर रहे हैं, और कमी आई है.

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