सिकल सेल उन्मूलन के लिए नागरिकों में सावधानियों की जानकारी आत्मसात होना आवश्यक: उप-मुख्यमंत्री शुक्ल

सिकल सेल उन्मूलन के लिए नागरिकों में सावधानियों की जानकारी आत्मसात होना आवश्यक: उप-मुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल : उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में प्रदेश में हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की गतिविधियों और एम्बुलेंस सेवा के संचालन की समीक्षा की। उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए नागरिकों को सावधानियों के प्रति जागरूक और सजग होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की और निर्देश दिये कि सिकल सेल रोगियों एवं वल्नरेबल क्षेत्र के नागरिकों के बचाव एवं उपचार के लिए संचालित जागरूकता गतिविधियों का मैदानी स्तर पर मूल्यांकन करें। यह सुनिश्चित करें कि प्रभावित क्षेत्र का हर नागरिक उसे समझे और आत्मसात करे ताकि सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त किया जा सके।

उप-मुख्यमंत्री शुक्ल को अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 33 ज़िलों में सिकल मरीज़ों की स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। 59 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें 1 लाख 34 हज़ार नागरिक सिकल सेल वाहक और 20 हज़ार 526 सिकल सेल एनीमिया के मरीज़ पाये गये हैं। 32 लाख 37 हज़ार 842 व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए चिह्नांकित जिलों में 6 से 10 बिस्तरीय एकीकृत उपचार केंद्र स्थापित कर मरीजों को प्रबंधन एवं उपचार के साथ हाइड्रॉक्सीयूरिया, फोलिक एसिड दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। एकीकृत उपचार केन्द्रों में निःशुल्क एवं रिप्लेसमेंट फ्री एवं सुरक्षित रक्त की सुविधा है। वर्ष 2024-25 में सिकल सेल मरीजों को लगभग 9 लाख 22 हज़ार 500 हाइडॉक्सीयूरिया का वितरण एवं 3 हज़ार 37 यूनिट निःशुल्क रक्ताधान किया गया है।

उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने प्रदेश में एम्बुलेंस संचालन व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की एवं नागरिकों को सुविधाजनक रूप से एम्बुलेंस सेवा प्रदाय के निर्देश दिये। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 9300 हितग्राहियों को एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाती है, जिनमें से लगभग 5000 प्रकरण बेसिक और एडवांस लाइफ सपोर्ट के और लगभग 4200 प्रकरण गर्भवती महिलाओं व बच्चों को एम्बुलेंस सेवा प्रदाय संबंधी होते हैं। शहरी क्षेत्रों में रिस्पांस टाइम 18 मिनट, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पांस टाइम 25 मिनट है। प्रदेश में 167 एडवांस लाइफ सपोर्ट, 835 बेसिक लाइफ सपोर्ट और 1059 जननी एम्बुलेंस कुल 2061 एम्बुलेंस वाहन द्वारा सेवा का प्रदाय किया जा रहा है। बैठक में एमडी एनएचएम प्रियंका दास, संचालक एनएचएम केके रावत सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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