जब आप सो रहे थे………तब आधी रात को सड़कों पर निकाली महिलाएं 

जब आप सो रहे थे………तब आधी रात को सड़कों पर निकाली महिलाएं 

कोलाकाता । बंगाल की वहां दो काली रातें। पहली शर्मिंदगी से भरी हुई। दूसरी रोष से भरी हुई। पहली रात, मेडिकल कॉलेज में 31 साल की डॉक्टर के साथ बर्बर रेप और हत्या। दूसरी रात, 14-15 अगस्त की दरमियानी रात जब देश भर की महिलाओं ने वारदात के विरोध में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। एम्स, आईआईटी, आईआईएम, आरएमएल और कई बड़े संस्थानों की कामकाजी महिलाओं ने कैंडल मार्च निकालकर नारे लगाए। मगर, कथित गुंडों के प्रदर्शन में घुल मिल जाने और तोड़फोड़ करने के बाद पुलिस ने सख्ती बरती जिससे माहौल अलग ही हो गया। 
देश भर की महिलाएं 14 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट को सड़कों पर उतरी। हाथों में तख्तियां, बैनर लिए महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे। सड़कों पर महिलाएं ‘आजादी की आधी रात को महिलाओं की आजादी के लिए’ के नारे लगा रही थीं। 
कोलकाता और देश के कई अन्य हिस्सों में प्रदर्शन में शामिल महिलाएं अपने, अपनी बेटियों के लिए सुरक्षा की मांग करती रहीं। कहा जा रहा है कि अभी इसतरह के शांतिपूर्ण तरीके से और विरोध किए जाएंगे जिसमें नई दिल्ली के एम्स सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों भी शामिल हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन की मांग जोरदार है और एकदम साफ है, सुरक्षा नहीं, ड्यूटी नहीं। 
पुलिस का कहना है कि लगभग 40 लोगों के एक ग्रुप ने अस्पताल में प्रवेश किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिसके बाद पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 

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