इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल

 इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल

नई दिल्ली । कोलकाता के अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या का मामला लगातार सुर्खियों में है। इसी  मामले में अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के बाद स्थिति और जटिल हो गई है। मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। इसी बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 17 अगस्त से अगले 24 घंटे के लिए देशभर में हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल के दौरान डॉक्टरों ने सरकारी और निजी अस्पतालों में कामकाज ठप रखने की बात कही है, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके और स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बुधवार रात 40 से 50 लोगों की एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला सबूतों को नष्ट करने के इरादे से किया गया था। हालांकि, कोलकाता पुलिस ने इन दावों का खंडन कर कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो इन आरोपों की पुष्टि कर सके। इस घटना के बाद, स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। इसके बाद डॉक्टरों ने इस मामले की गंभीरता को देखकर देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
आईएमए की 17 अगस्त सुबह 6 बजे से शुरू हो रही 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल के दौरान निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित रहेगी। 
ओपीडी सेवाएं बंद: हड़ताल के दौरान सभी ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं बंद रहेंगी। मरीजों को सामान्य जांच और इलाज के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। 
इलेक्टिव सर्जरी रद्द: हड़ताल के चलते इलेक्टिव सर्जरी (योजनाबद्ध सर्जरी) नहीं होगी। केवल आपातकालीन सर्जरी और इलाज जारी रहेगा। 
मॉडर्न मेडिसिन डॉक्टरों की सेवाएं प्रभावित: हड़ताल उन सभी क्षेत्रों में लागू होगी जहां आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिसमें सरकारी और निजी अस्पताल शामिल हैं। हालांकि, हड़ताल के दौरान सभी जरूरी चिकित्सा सेवाएं, जैसे आपातकालीन देखभाल, जारी रहेंगी और मरीजों की आपात स्थिति में तुरंत सहायता की जाएगी।
इस हड़ताल के निर्णय के साथ, डीएमए ने एक इमरजेंसी मीटिंग भी आयोजित की। डॉ. आलोक भंडारी ने कहा, कोलकाता में हमारी बहनों और बेटियों के साथ जो कुछ भी हुआ है, उससे हर कोई गुस्से और दर्द में है। हम इस घटना के खिलाफ अपने गुस्से और दुख को जाहिर करने के लिए हड़ताल कर रहे हैं। डीएमए ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार इस गंभीर मुद्दे का तत्काल समाधान नहीं करती और समस्याओं का स्थायी हल नहीं खोजती, तब चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस हड़ताल के दौरान, आवश्यक चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी, लेकिन ओपीडी और इलेक्टिव सर्जरी प्रभावित हो सकती है।

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