छत्तीसगढ़ सहित 4 राज्यों में 24 जगह पर ACB-EOW की छापेमारी, कोयला लेवी घोटाले में IAS रानू-समीर और सौम्या पर दर्ज हैं मामले

छत्तीसगढ़ सहित 4 राज्यों में 24 जगह पर ACB-EOW की छापेमारी, कोयला लेवी घोटाले में IAS रानू-समीर और सौम्या पर दर्ज हैं मामले

रायपुर/कोरबा.

छत्तीसगढ़ ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने IAS अधिकारियों रानू साहू और समीर विश्नोई तथा राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार राज्यों में 24 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि ACB/EOW ने कथित कोयला लेवी मामले में मुख्य आरोपी मनीष उपाध्याय को भी दुर्ग जिले से गिरफ्तार किया। साहू, विश्नोई और चौरसिया राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उजागर हुए कथित कोयला लेवी घोटाले के सिलसिले में जेल में हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया, 'ये छापे छत्तीसगढ़ में 20 स्थानों पर, झारखंड में जमशेदपुर में, राजस्थान में दो स्थानों पर और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मारे गए। छत्तीसगढ़ में जिन 20 स्थानों पर छापेमारी की गई, उनमें कोरबा और गरियाबंद में एक-एक, रायगढ़ में दो, महासमुंद में तीन, रायपुर में पांच और दुर्ग में आठ स्थान शामिल हैं।' उन्होंने कहा, 'ABC/EOW ने अचल संपत्तियों से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए हैं। इनसे भारी मात्रा में बेनामी संपत्तियों का होने का पता चला है। वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव से संबंधित कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जिनमें संपत्तियों के बारे में जानकारी है। इनकी जांच की जा रही है।' 2 जुलाई को, राज्य की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के खिलाफ तीन नई FIR दर्ज की थीं। कथित कोयला लेवी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पिछले साल जुलाई में साहू को गिरफ्तार किया था। जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव चौरसिया को दिसंबर 2022 में और विश्नोई को अक्टूबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वे जेल में हैं। कोयला लेवी मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत इस साल जनवरी में राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई FIR में इन तीनों के नाम भी शामिल हैं। यह मामला ईडी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था। FIR में बताया गया है कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक गिरोह द्वारा राज्य में परिवहन किए जाने वाले प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी वसूली जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच एसीबी/ईओडब्ल्यू ने दुर्ग जिले से कथित कोयला लेवी मामले के एक प्रमुख आरोपी मनीष उपाध्याय को गिरफ्तार किया।

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