आईएएस अफसरों के तबादलों की नही दी जानकारी

आईएएस अफसरों के तबादलों की नही दी जानकारी

भोपाल। भले ही प्रदेश में अफसरों के तबादलों के अधिकार राज्य शासन को हैं, लेकिन कब किस अफसर की कहां पदस्थापना की गई है, इसकी जानकारी केन्द्र सरकार के पास भेजना जरूरी है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केन्द्र सरकार भी राज्यों को जानकारी देने के लिए आदेश दे चुकी है। इस पर पहले अमल भी होता रहा है, लेकिन अब बीते आठ माह से प्रदेश में इस पर अमल ही नहीं किया जा रहा है। हाल यह है कि बीते वर्ष एक साल में कितने आईएएस अफसरों के तबादले किए गए हैं अधिकृत रुप से अब तक केन्द्र सरकार को ही पता नहीं हैं। इसकी वजह है प्रदेश के अफसरान इसकी जानकारी ही नहीं भेज रहे हैं। यह जानकारी हर साल केन्द्र सरकार के कार्मिक विभाग को भेजी जाती है। गौरतलब है कि भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय के पत्र क्रमांक 28020/2014-एआईएस, 6 जुलाई 2017 के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना, ट्रांसफर के संबंध में सिविल सेवा बोर्ड की अनुशंसा पर किए गए एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच तबादलों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में भेजना अनिवार्य है। इसके बाद भी इस आदेश पर अमल नहीं किया जा रहा है।
अगर बीते सालों की बात की जाए तो 2022 में सरकार ने 207 आईएएस और 2021 में 255 अफसरों के ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि 2023 में करीब 300 आईएएस बदले गए हैं। सरकार ने 2021 में 255 आईएएस के ट्रांसफर किए थे और इसकी जानकारी 14 मार्च 2022 को डीओपीटी को भेजी थी, जबकि 2022 में एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच 207 आईएएस के तबादले किए थे और इसकी जानकारी 24 मई 2023 को भेजी गई। लेकिन वर्ष 2023 में एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच किए ट्रांसफर की जानकारी 15 अगस्त के बाद भी नहीं भेजी गई है।
वीरा राणा, एसएन मिश्रा, अशोक वर्णवाल, उमाकांत उमराव, स्मिता भारद्वाज, विवेक पोरवाल, संदीप यादव, नीरज कुमार सिंह, मनीष सिंह, एम सेलवेंद्रन, कुमार पुरुषोत्तम, अमनबीर सिंह, सोनिया मीना, रौशन कुमार सिंह, कौशलेंद्र विक्रम सिंह, आशीष सिंह, तरुण राठी, अद्वाय कुमार सिंह, रविन्द्र कुमार चौधरी, शिवराज सिंह वर्मा, राकेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. फटिंग राहुल हरिदास आदि के नाम शाम थे।
राज्य सरकार ने वित्त विभाग के सचिव अजीत कुमार की सेवाएं भारत निर्वाचन आयोग में उप निर्वाचन आयुक्त के पद पर 5 साल के लिए डीओपीटी को सौंपी है। इसके साथ ही अजीत कुमार को मप्र सरकार से रिलीव कर दिया गया है। इस संबंध में जीएडी कार्मिक ने शुक्रवार को आदेश भी जारी कर दिया। जबकि भोपाल कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा को अभी रिलीव नहीं किया गया है।

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