अमेरिकी फैक्ट्रियों ने अचानक बढ़ाया तोप के गोलों का उत्पादन, रूस के लिए खतरे की घंटी कैसे?…

अमेरिकी फैक्ट्रियों ने अचानक बढ़ाया तोप के गोलों का उत्पादन, रूस के लिए खतरे की घंटी कैसे?…

अमेरिका में स्थित फैक्ट्रियों ने अचानक तोप के गोलों के उत्पादन में तेजी लाई है।

इससे रूस के लिए एक नई चुनौती उत्पन्न हो रही है। यह कदम उस वैश्विक तनाव के बीच उठाया गया है जहां यूक्रेन युद्ध और नाटो देशों के साथ रूस के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के खिलाफ यूक्रेन की लड़ाई में इस्तेमाल के लिए तोप के गोले बनाने वाले पेनसिल्वेनिया स्थित संयंत्र ने बढ़ती मांग के मद्देनजर उत्पादन को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।

सरकारी अधिकारियों ने ऐतिहासिक कारखाने के 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से किए जा रहे आधुनिकीकरण के बारे में बताते हुए उत्पादन में हुई वृद्धि की इस सप्ताह जानकारी दी।

‘स्क्रैंटन आर्मी एम्युनीशन प्लांट’ इस्पात की 2,000 पाउंड (907 किलोग्राम) छड़ों को काटकर 155 मिमी ‘हॉवित्जर’ के गोलों में ढालता है, जिन्हें आयोवा भेजा जाता है और वहां उन्हें विस्फोटकों से भरा जाता है और ‘फ्यूज’ से जोड़ा जाता है।

वहां से कई गोलों को यूक्रेन में लड़ाई के लिए भेजा जाता है जहां इनकी अत्यधिक मांग है।

स्क्रैंटन संयंत्र के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उसने निकटवर्ती विल्क्स-बर्रे में स्थित दो अन्य गोला-बारूद संयंत्रों के साथ मिलकर अपना उत्पादन 24,000 गोले प्रति माह से हाल में बढ़ाकर 36,000 गोले प्रति माह कर दिया है।

उन्होंने बताया कि तीन नयी उत्पादन लाइन विकसित की जा रही हैं, जिससे स्क्रैंटन संयंत्र को इन अहम हथियारों का उत्पादन और बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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