पेपर में पास करवाने के बदले की रेप की कोशिश, NIT ने प्रोफेसर पर लिया ऐक्शन…

पेपर में पास करवाने के बदले की रेप की कोशिश, NIT ने प्रोफेसर पर लिया ऐक्शन…

जालंधर एनआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर को छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है।

डॉ. बीआर अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की दो छात्राओं ने पुलिस महिला सेल में प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

इस मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही थी लेकिन एनआईटी की आंतरिक टीम ने भी जांच की और आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर को दोषी पाया गया। अब एनआईटी प्रशासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर के बर्खास्त कर दिया है।

एनआईटी के डायरेक्टर विनोद कुमार कन्नौजिया ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि संस्थान के महिला विभाग में शिकायत दर्ज करवाई गई थी।

इसकी जांच आंतरिक महिला उत्पीड़न कमेटी ने जांच की। सारी जांच होने के बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर हमने बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को कार्रवाई के लिए सिफारिश की थी। गहराई से जांच की गई और फिर एक्शन लिया गया है। 

15 दिन पहले आई थी शिकायत
डायरेक्टर कन्नौजिया ने कहा कि लड़की ने 15 दिन पहले संस्थान के वुमेन सेल को शिकायत दी थी। शिकायत मिलने के बाद कमेटी गठित करने और जांच करने में थोड़ा समय लगता है, इसलिए सारी प्रक्रिया को इतना समय लगा।

हमने दोनों पक्षों के बयान सुने, लड़की से सभी तथ्य लिए। सभी तथ्यों की जांच के बाद उक्त कार्रवाई की गई। शिकायत दो छात्राओं द्वारा की गई थी।

दोनों छात्राएं एमबीए की थी, आरोपी प्रोफेसर भी एमबीए विभाग का ही बताया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद हमने अब उक्त प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया है। डायरेक्टर ने कहा कि आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर ने छात्राओं के साथ क्या किया है इस पर कुछ न ही बोला जाए तो अच्छा है। भविष्य में भी ऐसी कोई गलती करेगा तो उसके बख्शा नहीं जाएगा।

पेपर में पास करवाने के बदले की रेप की को​​​शिश
छात्रा के मुताबिक शुक्रवार दोपहर प्रोफेसर ने उससे दुष्कर्म करने की कोशिश की और उसे कहा कि वह पेपर में पास करवा देगा।

प्रोफेसर की नीयत देखकर उसने तुरंत अपने साथी छात्राओं को इकट्ठा कर लिया। इससे हंगामा हो गया और मामले की जानकारी तुरंत संस्थान को दी गई। पुलिस असिस्टेंट प्रोफेसर के बैकग्राउंड की जांच भी कर रही है।

आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर से न सिर्फ एमबीए करने वाली छात्राएं बल्कि असिस्टेंट प्रोफेसर की वजह से पीएचडी कर रही छात्राएं भी परेशान हैं। 

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