Asian Champions Trophy: भारतीय हॉकी की शानदार शुरुआत, पहले ही मैच में चीन को बुरी तरह हराया

Asian Champions Trophy: भारतीय हॉकी की शानदार शुरुआत, पहले ही मैच में चीन को बुरी तरह हराया

पेरिस ओलंपिक 2024 में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद पहली बार मैदान पर उतरी भारतीय हॉकी टीम ने जोरदार प्रदर्शन किया. ठीक एक महीने पहले पेरिस में हुए मुकाबले में स्पेन को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम इंडिया ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार आगाज किया. हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने अपने पहले ही मुकाबले में मेजबान चीन को 3-0 से हरा दिया और पांचवीं बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीतने के अभियान की सफल शुरुआत की. टीम इंडिया का अगला मुकाबला सोमवार 9 सितंबर को जापान से होगा. चीन के हुलुनबीर में रविवार 8 सितंबर से इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई, जिसमें भारत समेत 6 टीमें हिस्सा ले रही हैं. इसमें पाकिस्तान भी शामिल है. राउंड रॉबिन आधार पर ये टूर्नामेंट खेला जा रहा है. यानी हर टीम बाकी टीमों के खिलाफ एक-एक मैच खेलेगी. टीम इंडिया ने पिछले साल इसी टूर्नामेंट का खिताब जीता था और अब उसने अपने खिताब के बचाव की दमदार शुरुआत की. वहीं जापान-साउथ कोरिया का मैच 5-5 से ड्रॉ रहा, जबकि मलेशिया और पाकिस्तान भी 2-2 से बराबरी पर रुके.

तीन क्वार्टर में तीन गोल
भारतीय टीम ने शुरुआत से ही अटैक जारी रखा और पहले क्वार्टर में ही गोल करते हुए बढ़त हासिल कर ली. 14वें मिनट में सुखजीत की स्टिक से डिफ्लेक्ट होकर गेंद चीन के गोलपोस्ट में घुस गई और भारत का पहला गोल आया. इसी तरह दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने अपनी बढ़त को दोगुना कर लिया. इस बार उत्तम सिंह ने टीम इंडिया के लिए गोल किया और स्थिति को मजबूत किया. तीसरे क्वार्टर में भी स्थिति नहीं बदली और फिर से भारत के खाते में एक गोल आ गया. तीसरे क्वार्टर में अभिषेक ने भारत का तीसरा गोल किया, जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ. चौथे क्वार्टर में भारत को कोई गोल नहीं मिला लेकिन चीन की कुछ कोशिशों को जरूर नाकाम किया और मुकाबले को 3-0 से जीत लिया.

पाठक का दमदार प्रदर्शन
कोच क्रेग फुल्टन की इस टीम में ज्यादातर वही खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने पेरिस में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, ऐसे में उनसे यहां भी दमदार प्रदर्शन की उम्मीद पहले से ही थी. हालांकि दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश के संन्यास के बाद पहली बार टीम मैदान पर थी, इसलिए उनकी जगह लेने वाले कृष्ण बहादुर पाठक पर भी काफी नजरें थी कि क्या वो श्रीजेश जैसा कमाल दिखा पाएंगे. लंबे समय से टीम का हिस्सा रहे पाठक ने निराश नहीं किया और दिखा दिया कि वो अब टीम इंडिया के नंबर-1 गोलकीपर बनने के लिए तैयार हैं.

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