राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विषेश पिछड़ी जनजाति पण्डो के साथ मारपीट करके उसकी ही भूमि से किया बेदखल

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विषेश पिछड़ी जनजाति पण्डो के साथ मारपीट करके उसकी ही भूमि से किया बेदखल

मोगरा-कोटाडोल (एमसीबी)

तेरे को जान से मार दूंगा,तेरे को खन के गाड़ दूंगा, तू और तेरे परिवार को चट्टान से पास दूंगा। अश्लील गालियां और कई कई बार मारपीट के साथ यह कहना है ग्राम मोगरा तहसील कोटाडोल जिला एमसीबी निवासी बदन सिंह पिता लाखन सिंह का को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र, विशेष पिछड़ी जनजाति सुखलाल पण्डो की स्वत्व को भूमि में कब्जा करके उसे भय दिखाकर आतंक बनाकर परिवार और ग्राम के कुछ लोगो के साथ मिलकर बेदखल कर दिया है। वह यही नहीं रुकता वह प्रशासन को भी लपेटे में लेकर कहता है कि " थाना और तहसील मेरे जेब में है। जा सुखलाल तेरे को जहां जाना है मेरा कुछ नही बिगाड़ पाएगा। तेरे को मार भले दूंगा लेकिन तेरी जमीन नही दूंगा।
उक्त कथन से स्पष्ट हो रहा है शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले बदन सिंह को कोई भय नहीं है कानून का अथवा प्रशासन का। क्योंकि ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति जो दहशत और आतंक का पर्याय हो जिसके आगे गांव वाले भी कुछ ना कह सकें और उसकी हां में हां मिलाए अन्यथा उनको भी पीटा जाएगा। कोई कठोर करवाई का नही होना उसकी बांछें खिलना स्वाभाविक है।

यह है पूरा मामला
महाबली पण्डो आ0 झपरा निवासी ग्राम मोगरा तहसील कोटाडोल की स्वत्व की भूमि खसरा नंबर 117/4 पर गांव के ही दबंग रसूखदार बदन सिंह आ0 लाखन सिंह के द्वारा जबरन कब्जा सिद्ध किया जा रहा है। महाबली के फौत उपरांत उसके पुत्र सुखलाल पण्डो के नाम पर उक्त भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है यही नहीं सन 1935झ्र36 का मिसेल खसरा महाबली पिता झपरा के नाम वर्ष 1987झ्र88 का शासकीय पट्टा सुखलाल के पास है फिर भी बदन सिंह के द्वारा जबरन राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो के साथ मारपीट जान से मारने की धमकी एवं उसी के जमीन पर अधिग्रहण कर उसे ही दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया गया है।

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पण्डो जनजाति को गोद लिया तभी से विशेष पिछड़ी जनजाति राष्ट्रपति की दत्तक जनजाति के रूप में जानी जाती है और इस जनजाति के लोगों को जिला एमसीबी में न्याय नहीं मिल रहा है सुविधा नहीं मिल रही है दुखी है पीड़ित है और दबंगों द्वारा उनकी भूमि हड़प ली जा रही है और यह जनजाति दर-दर भटकने को मजबूर हैं बेदखली का शिकार हो रहे हैं। सुखलाल पण्डो आत्मज महाबली पण्डो का मामला सामने आ रहा है जो विगत कई वर्षों से तहसील कोर्ट पुलिस चौकी में जाकर रो-रोकर गुहार लगा रहा था कि उसके पिता की भूमि उसके खुद की भूमि उसके स्वत्व की भूमि में ही गांव के ही एक दबंग रसूखतर द्वारा उसे बाहर निकाल कर अपना कब्जा सिद्ध करना चाहता है।

विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए राज्यपाल के प्रतिवेदन अनुसार राजस्व विभाग का कार्य है कि"पण्डो जनजाति समुदाय के लोगों के नाम की भूमि पर से अन्य लोगों के कब्जों को हटवाना तथा उसे पूर्व कब्जेदार होने के नाते पण्डो जाति को दिलाना।"उक्त नियमावली के अनुसार भी सुखलाल पण्डो को त्वरित उसकी भूमि दिलाने संबंधित विभाग को कार्य करना अत्यंत आवश्यक है।

इस प्रकार विगत कई वर्षों से सुखलाल और उसका परिवार बदन सिंह और उसके परिवार के द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड?ा का शिकार हो रहा है। क्योंकि जब भी सुखलाल उससे अपने भूमि के संबंध में कहता है कि मुझे मेरी भूमि वापस करो बदन का कहना होता है जान से मार भले दूंगा जमीन नही दूंगा। ऐसा तो महाभारत काल में दुर्योधन ने भी नही कहा था । जिस प्रकार से बदन सिंह द्वारा संवाद किया जाता है। अधर्म धर्म और असत्य सत्य पर भारी ना पहले पड़ा है ना अब होगा। सुखलाल पण्डो के साथ जनहित संघ पण्डो विकास समिति है और न्याय के लिए अगर माननीय उच्च न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाना पड़े तो वह भी संस्था करने को एकदम तैयार रहेगी।

सुखलाल को वर्तमान तहसीलदार और प्रशासन से न्याय की उम्मीद जगी
विगत 12 सितंबर को सुखलाल पण्डो पिता महाबली पण्डो जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट में अपना आवेदन दिया और भूमि के पुन: पुलिस प्रतिरक्षा के साथ सीमांकन करा उसे वापस दिलाने के लिए गुहार लगाया जिस पर संवेदनशील जिला कलेक्टर डी राहुल वेंकट जी के निर्देशन में अपर कलेक्टर अनिल दीदार  ने तहसीलदार कोटाडोल श्री तिवारी को त्वरित इस हेतु आदेश किया। साथ ही उन्होंने स्वयं सुखलाल की भूमि संबंधित शासकीय रिकॉर्ड का अध्ययन किया और उसी के आधार पर सीमांकन कर बदन सिंह को उसके भूमि पर निमानुसार व्यवस्थित करने की बात कही।क्योंकि बदन सिंह की खुद की भूमि है जिसका खरा नंबर 117/ 6 और 07 है साथ ही एक बड़ा क्षेत्रफल 54 का वह खुद मालिक है।बावजूद अपनी भूमि के साथ सुखलाल के 117/ 4 पर अपना अधिकार जता रहा है। पूर्व में शासकीय कर्मियों के साथ सांठ गांठ करके उक्त बदन सिंह खुद का कब्जा सिद्ध करने में लगा हुआ है। सुखलाल को वर्तमान तहसीलदार से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद जगी है।

इसके साथ ही सुखलाल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर पुलिस अधीक्षक से भी न्याय की गुहार लगाई है क्योंकि बदन सिंह उसके और उसके परिवार के साथ मारपीट अश्लील गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देता है जिसके कारण राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र विशेष पिछड़ी जनजाति का सुखलाल और उसका परिवार भारी भयाक्रांत है। जहां उसने अपनी सुरक्षा की मांग की है। वहां से भी उसे न्याय का आश्वासन तो मिल गया है देखना होगा के पुलिस प्रशासन किस तरह इस विशेष पिछड़ी जनजाति का सहयोग करती है।पूर्व में टिआई कोटाडोल को सूचित करने पर उन्होंने स्टाफ की कमी कहकर मामला से पल्ला झाड़ दिया था। सुखलाल पण्डो वर्तमान में अपनी अत्यंत वृद्ध माता हिरोंदिया बाई उम्र 85 वर्ष,अपने बेटे धर्मसाय और बहु नाती पोते के साथ दर दर भटकने को मजबूर है और एक अन्यत्र स्थान पर रहकर जीवन चला रहा है।

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