सांसद पप्पू यादव के पिता चंद्र नारायण यादव का हुआ निधन 

सांसद पप्पू यादव के पिता चंद्र नारायण यादव का हुआ निधन 

पूर्णिया लोकससभा सीट से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के पिता चंद्र नारायण यादव (83) का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ी थी तो उन्हें पूर्णिया के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए पटना एम्स में भर्ती करवाया गया। करीब नौ दिन इलाज के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। चंद्र नारायण यादव पिछले दो साल से बीमार चल रहे। उनका चलना फिरना भी बंद हो गया था।

पप्पू यादव ने लिखा- पिताजी नहीं रहे

अपने पिता के निधन के बाद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। लिखा कि "मेरी दुनिया उजड़ गई! मेरे सृजनकर्ता, आदर्श, मेरे विचारकेंद्र, मेरे प्रेरणा स्रोत, मेरे पथ प्रदर्शक, मेरी शक्ति के उत्स पिताजी नहीं रहे! पापा आपके बिना मैं कुछ नहीं!" इधर, सांसद के भावुक पोस्ट के पास पटना एम्स में उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। 

खुर्दा में किया जाएगा दाह संस्कार 

सोशल मीडिया पर पटना एम्स से तस्वीर साझा करते हुए पप्पू यादव ने लिखा कि पापा नहीं रहे…। इस पोस्ट के पास उनके समर्थकों लगातार पोस्ट कर शोक जता रहे हैं। बताया जा रहा रहा है कि आज ही पप्पू यादव अपने पिता के शव को अंतिम दर्शन के लिए मधेपुरा के खुर्दा स्थित पैतृक आवास पर ले जाएंगे। इसके बाद दाह संस्कार किया जाएगा। इस दुखद घटना के बाद से पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। पप्पू यादव के साथ उनकी मां शांति प्रिया, उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन, पुत्र सार्थक रंजन, पुत्री प्रकृति रंजन, बहन डॉ. अनीता रंजन (ब्लॉक प्रमुख), उनके पति डॉ जितेंद्र सिंह यादव और अन्य पारिवारिक सदस्य इस मुश्किल घड़ी में पटना एम्स में मौजूद रहे। चंद्र नारायण प्रसाद अपने पीछे एक पुत्र, एक पुत्री, एक पोता, एक पोती, दामाद, तीन नातिन और एक नाती छोड़ गए हैं। 

आठ सितंबर को एम्स में भर्ती करवाया गया था

इधर,  इससे पहले नौ सितंबर को सोशल मीडिया पर अपने पिता को लेकर एक पोस्ट लिखा था। इसमें वह पटना एम्स में डॉक्टरों के बातचीत करते दिखे थे। पप्पू यादव ने लिखा था कि मेरे पिताजी पटना एम्स में इलाजरत हैं। आठ सितंबर को ही उन्हें पूर्णिया से पटना एम्स में इलाज के लिए भर्ती करवाय हूं। जनसेवा के तमाम दायित्वों को अपने सहयोगियों को सौंप पिताजी की सेवा के लिए पटना में हूं। मेरे सृजनकर्ता ही नहीं, वह मेरी विचारधारा और दर्शन के भी निर्माता हैं, उनका सानिध्य मेरी सर्वोच्च शक्ति है। 

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