पीएम मोदी का अमेरिका दौरा: क्वाड शिखर सम्मेलन में भागीदारी, संयुक्त राष्ट्र महासभा में देंगे भाषण

पीएम मोदी का अमेरिका दौरा: क्वाड शिखर सम्मेलन में भागीदारी, संयुक्त राष्ट्र महासभा में देंगे भाषण

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हुए, इस दौरान वह क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करेंगे और प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत भी करेंगे।

एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने और संयुक्त राष्ट्र 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करने के लिए यूएसए के लिए रवाना हुए।

पीएम मोदी विलमिंगटन, डेलावेयर में छठे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसकी मेजबानी 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अपने गृहनगर में कर रहे हैं। भारत 2025 में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा। क्वाड में चार देश आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं।

क्वाड में भारत को अगुआ के रूप में देखता है अमेरिका

अमेरिका ने कहा कि वह क्वाड के अंदर भारत को अगुआ के रूप में देखता है और चार देशों के इस समूह में उसकी भूमिका के लिए आभार व्यक्त करता है। व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में डेलावेयर के विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन होने वाला है।

इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में वरिष्ठ निदेशक मीरा रैप-हूपर ने गुरुवार को कहा, 'जब भारत से अपेक्षित भूमिका की बात आती है तो हम क्वाड के भीतर उसे अगुआ के रूप में देखते हैं।'

भारत अगले वर्ष सम्मेलन की मेजबानी करेगा

क्वाड में चार देश आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं। यह सम्मेलन बाइडन के गृहनगर में होगा। रैप-हूपर ने बताया कि क्वाड सम्मेलन समुद्री सुरक्षा पर केंद्रित होगा। क्वाड देशों के नेता बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भी चर्चा कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन क्वाड नेताओं से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। बता दें कि इस बार क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की बारी भारत की थी। लेकिन वाशिंगटन के आग्रह पर भारत अगले वर्ष सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

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