ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय जासूस मामले में अमेरिका और कनाडा से अलग रुख अपनाया

ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय जासूस मामले में अमेरिका और कनाडा से अलग रुख अपनाया

वाशिंगटन। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भारतीय जासूस के कथित मामले पर अमेरिका और कनाडा से अलग रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरह के मामलों को निजी तौर पर और राजनयिक तरीके से उठाया जाता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में इस सप्ताह के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन होने वाला है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल्बानीज भी भाग लेंगे।
अमेरिका की यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री से भारतीय जासूस से जुड़े आरोपों पर सवाल किया गया था। जवाब में अल्बानीज ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने के बजाय इसे निजी और कूटनीतिक स्तर पर उठाना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, मैं राजनयिक तरीके से काम करता हूं और चर्चाएं निजी तौर पर करता हूं। निस्संदेह, यह मामला उठाया जाएगा, लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध बेहद मजबूत हैं।
आॉस्ट्रेलिया का यह रुख अमेरिका और कनाडा से भिन्न है। खासतौर पर तब जबकि अमेरिका और कनाडा द्वारा भारत पर अपने ही नागरिकों को निशाना बनाने और चुनावों में हस्तक्षेप जैसे आरोप लगाए गए हैं। कनाडा में तो इस मुद्दे पर न्यायिक जांच भी हो रही है और संसद में बहस छिड़ी हुई है। कनाडा की सुरक्षा एजेंसी ने भारत पर चुनावों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में अपने फाइव आइज गठबंधन के सदस्यों (अमेरिका, यूके, कनाडा और न्यूजीलैंड) से एक अलग रुख अपनाया है। बताते चलें कि फाइव आइज एक खुफिया साझेदारी है, जिसके सदस्य अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में सहयोग करते हैं। प्रधानमंत्री अल्बानीज की इस टिप्पणी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, खासतौर पर ऐसे समय में जबकि वे क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका दौरे पर हैं।

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