BJP के अनिल विज के खिलाफ निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा, कांग्रेस ने किया निलंबित

BJP के अनिल विज के खिलाफ निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा, कांग्रेस ने किया निलंबित

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से बगावत कर अंबाला कैंट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहीं चित्रा सरवारा को कांग्रेस पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस ने चित्रा सरवारा को उनकी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए निलंबित कर दिया है, जो पार्टी के हितों के विपरीत हैं।

गौरतलब है कि, अंबाला कैंट सीट से भाजपा नेता अनिल विज चुनाव लड़ते रहे हैं। चित्रा सरवारा को भी इस सीट के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उनकी जगह कांग्रेस ने इस सीट से परविंदर पाल परी को मैदान में उतारा है। इस फैसले के बाद उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

सरवारा को चुनाव में विज के हाथों हार का करना पड़ा सामना

पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी सरवारा ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने पर अंबाला कैंट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें चुनाव में विज के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस पार्टी ने बताया है कि, चित्रा के पार्टी के हितों के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें मिली थीं, जो कथित तौर पर कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा रही थीं। जांच के बाद जब ये आरोप सही पाए गए, तो कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में की वापसी

बता दें कि, चित्रा सरवारा आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता निर्मल सिंह मोहरा की बेटी हैं। इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में वापसी की है। चित्रा इससे पहले हरियाणा आम आदमी पार्टी की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना

हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होने हैं। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। पहले 1 और 4 अक्टूबर की तिथियां तय की गई थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने कार्यक्रम में बदलाव किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिश्नोई समाज के मताधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बिश्नोई समाज अपने गुरु जम्बेश्वर की याद में मनाए जाने वाले आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी परंपरा को कायम रखता है।

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