छत्तीसगढ़-सारंगढ़-बिलाईगढ़ दंडवत करते कलेस्ट्रेट पहुंचे पति-पत्नी, ‘इतनी बार मंदिर जाते तो भगवान दर्शन दे देते’

छत्तीसगढ़-सारंगढ़-बिलाईगढ़ दंडवत करते कलेस्ट्रेट पहुंचे पति-पत्नी, ‘इतनी बार मंदिर जाते तो भगवान दर्शन दे देते’

सारंगढ़/बिलाईगढ़.

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम टुड्री निवासी घनश्याम श्रीवास अपनी पत्नी के साथ 35 किलोमीटर दूर से सारंगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचा। वह और उसकी पत्नी कलेक्टर कार्यालय के गेट से लेकर अधिकारी के चेंबर तक दंडवत करते हुए न्याय की गुहार लगाई। यह नजारा देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने आश्चर्य जाहिर किया।

घनश्याम श्रीवास ने बताया, 'कलेक्टर कार्यालय रूपी जो मंदिर है, उसमें भगवान के रूप में हमारे कलेक्टर साहब हैं। उनसे मिलते-मिलते हम लोग थक चुके हैं। जितनी बार हम यहां आये हैं, जितना हमार पास पावती है, उतना अगर नारियल लेकर किसी मंदिर में जाते तो शायद भगवान दर्शन देने को मजबूर हो जाते। कई बार हम लोगों ने कलेक्टर, एसडीएम के अलावा मुख्यमंत्री तक को आवेदन दे चुके हैं फिर भी हमारा काम नही हुआ।' अपनी जमीन का मुआवजा मांगने पहुंचे पति-पत्नी के इस अनोखे प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह थी कि 13 सालों के भीतर जितने भी आवेदन कलेक्टर कार्यालय के अलावा अन्य अधिकारियों व मंत्रियों को भेजे थे वो सभी अपने सीने में चिपकाकर ये दंपत्ति कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। जिसमें कलेक्टर के नाम पांच आवेदन, एसडीएम के पास चार बार का आवेदन, मुख्यमंत्री के पास दो बार का आवेदन शामिल था। घनश्याम श्रीवास ने बताया कि करीब 13 साल पहले सोनिया जलाशय में उसकी बेशकीमती जमीन डूबान क्षेत्र में चली गई है। उक्त जमीन के मुआवजे के लिये एक बार नहीं वह कई बार आवेदन दे चुका है। इसके बावजूद आज तलक उसका जमीन के बदले मुआवज नहीं मिल सका। घनश्याम श्रीवास का यह भी कहना है कि अगर आने वाले 15 दिनों के भीतर उनका काम नही होता है और उन्हें मुआवजा नहीं मिलता है तो वह राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएगा।

इस संबंध में अपर कलेक्टर सारंगढ़ वर्षा बंसल ने बताया कि सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र ग्राम मलुहा का आवेदन मिला है।हमें इसकी जानकारी मिली है, इस पर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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