कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की  पत्‍नी ने मुडा को की भूमि वापस

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की  पत्‍नी ने मुडा को की भूमि वापस

बेंगलुरु । मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि आवंटन में कथित घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि उनकी पत्‍नी ने भूमि वापस कर दी है। सिद्धारमैया ने एक्‍स पर लिखा, मेरी पत्नी पार्वती ने मैसूर में मुडा भूमि अधिग्रहण के बिना जब्त की गई भूमि के मुआवजे के रूप में दी गई भूमि वापस कर दी है। 
मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्‍स पर लिखा, प्रदेश की जनता भी जानती है कि विपक्षी दलों ने मेरे खिलाफ राजनीतिक द्वेष पैदा करने के लिए झूठी शिकायत रची और मेरे परिवार को विवाद में घसीटा। मेरी स्थिति इस अन्याय के सामने झुके बिना लड़ने की थी। लेकिन मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षड़यंत्र से परेशान मेरी पत्नी ने ये प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है, जिससे मैं भी हैरान हूं। मेरी पत्नी, जो मेरी चार दशक लंबी राजनीति में कभी भी हस्तक्षेप किए बिना अपने परिवार तक ही सीमित थी, मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार है और मनोवैज्ञानिक यातना झेल रही है। मुझे खेद है।
ज्ञात रहे  कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने सोमवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की है। पार्वती का पत्र मुडा भूमि आवंटन में कथित घोटाले को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आया है। उन्होंने पत्र में लिखा, मैं मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंडों को वापस करना चाहती हूं। मैं भूखंडों का कब्जा भी मैसूर शहरी विकास को वापस सौंप रही हूं। प्राधिकारी कृपया इस संबंध में यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं।
इस घटनाक्रम पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि वास्तव में यह पत्र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे का होना चाहिए। जांच से बचने के लिए यह पत्र लिखा गया है। जब कुछ गलत नहीं किया गया, तो भूखंडों को वापस क्यों किया जा रहा है। ये जगजाहिर है कि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है। ईडी की कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। जमीन घोटाला करना कांग्रेस का जन्मसिद्ध अधिकार बन चुका है।

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