कमलनाथ बोले रोजगार के नाम पर पाखंड कर रही मोहन सरकार

कमलनाथ बोले रोजगार के नाम पर पाखंड कर रही मोहन सरकार

भोपाल ।   मध्य प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ने डॉ मोहन यादव पर निशाना साधा हैृ। नाथ ने एक्स पर लिखा कि  मध्य प्रदेश के नौजवानों के सामने बेरोजगारी एक विकराल समस्या बन गई है। और उससे बड़ी समस्या यह है कि रोजगार देने के नाम पर मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार सिर्फ पाखंड कर रही है। नाथ ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रदेश में जो रोजगार मेले लग रहे हैं, वे रोजगार देने में बुरी तरह विफल हैं। प्रदेश में पिछले डेढ़ साल में 733 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, लेकिन कितने नौजवानों को नौकरी मिली इसका आंकड़ा रोजगार कार्यालय सार्वजनिक नहीं करता?

रोजगार मेले में केवल ऑफर लेटर मिला नौकरी नहीं

कमलनाथ ने लिखा कि मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि रोजगार मेला में 85 फ़ीसदी युवाओं को ऑफर लेटर मिलने के बाद कंपनियों से इंटरव्यू के लिए कॉल ही नहीं आया। जिस प्रदेश में 3621 एमबीबीएस, 3449 बीडीएस, 16037 एमबीए,122532 इंजीनियर अधिकृत रूप से बेरोजगार हों, वहां समझा जा सकता है कि सामान्य स्नातक या इससे कम पढ़ाई करने वालों की बेरोजगारी के हालात कैसे होंगे? लेकिन इतनी भयंकर बेरोजगारी होने के बावजूद मध्य प्रदेश की सरकार नौजवानों को सरकारी नौकरी देने या सम्मानजनक रोजगार देने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है। जिन रोजगार मेलों पर सरकारी धन खर्च किया जा रहा है, उनमें भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है और युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है।

प्रदेश के नौजवानों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं

कमलनाथ ने कहा मैं मुख्यमंत्री जी को आगाह करता हूं कि युवाओं के प्रति इस तरह का उपेक्षापूर्ण और उदासीन रवैया प्रदेश के भविष्य को अंधकार में डालने वाला है। मुख्यमंत्री जी को निवेश के झूठे आंकड़े पेश करने की जगह युवाओं को रोजगार देने का ब्लूप्रिंट जनता के सामने जारी करना चाहिए और समयबद्ध तरीके से उसे लागू करना चाहिए। प्रदेश के नौजवानों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अगर सरकार रोजगार की संभावना स्वयं ही समाप्त कर देगी तो युवाओं को नौकरी और रोजगार कैसे मिलेगा? कमलनाथ ने कहा मैं विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान छिंदवाड़ा की ओर भी दिलाना चाहता हूं जहां पिछले 44 वर्ष के दौरान बड़े पैमाने पर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लगाए गए, स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए और अभ्यर्थियों को सम्मानजनक रोजगार सुनिश्चित कराया गया। इसलिए जो काम छिंदवाड़ा में किया गया है, अगर सही नियत हो तो पूरे प्रदेश में उसे दोहराया जा सकता है और युवाओं को रोजगार सुनिश्चित किया जा सकता है।मध्य प्रदेश के नौजवानों के सामने बेरोजगारी एक विकराल समस्या बन गई है। और उससे बड़ी समस्या यह है कि रोजगार देने के नाम पर मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार सिर्फ पाखंड कर रही है। 

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