CG का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन: जानें कौन है छत्तीसगढ़ के दो युवा IPS प्रभात कुमार और गौरव राय, जिनके नेतृत्व में मिली जवानों को इतनी बड़ी सफलता

CG का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन: जानें कौन है छत्तीसगढ़ के दो युवा IPS प्रभात कुमार और गौरव राय, जिनके नेतृत्व में मिली जवानों को इतनी बड़ी सफलता

दंतेवाड़ा-नारायणपुर की सीमा से लगे अबूझमाड़ में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि, नक्सलियों की अबतक 31 डेड बॉडी बरामद कर ली गई है। मौके से एलएमजी राइफल, एके 47, इंसास सहित भारी मात्रा में कई अन्य हथियार बरामद किया गया है। वहीं अब जवान मारे गए नक्सलियों के शवों को लेकर वापस भी लौटने लगे हैं। जवान अपने कंधों पर इन मारे गए नक्सलियों के शवों को लादकर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार अभी 1 हज़ार से अधिक जवानों को ऑपरेशन वाली जगह पर तैनात किया गया है। लेकिन इस पूरे ऑपरेशन के बीच छत्तीसगढ़ के दो युवा IPS प्रभात कुमार व गौरव राय के नाम की अभी काफी चर्चा हो रही है जिनके नेतृत्व में जवानों को इतनी बड़ी सफलता मिली है।

कौन है आईपीएस गौरव राय

गौरव राय छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के आईपीएस हैं। मूलतः वे उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले है। इंजीनियरिंग करने के बाद इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही उन्होंने टॉप किया था। 5 साल रेलवे में उन्होंने सर्विस की। फिर चौथ अटेम्प्ट में 204 वीं रैंक के साथ यूपीएससी निकालकर आईपीएस बने हैं। वर्तमान में वे दंतेवाड़ा जिले के एसपी हैं।

जन्म और शिक्षा

बता दें कि, गौरव राय छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के आईपीएस हैं। वे मूलतः उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले हैं। उनका जन्म 8 फरवरी 1992 को हुआ हैं। उनके पिता डॉ राम प्रवेश राय सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में इंजीनियर हैं। गौरव की माता मंजू राय गृहणी हैं। दो भाइयों में गौरव बड़े हैं। पिता की नौकरी के चलते गौरव का परिवार महाराष्ट्र में शिफ्ट हो गया था। अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेज में ट्रांसफर होने के चलते गौरव और उनके भाई की स्कूलिंग महाराष्ट्र में अलग-अलग जगह से हुई। दसवीं की परीक्षा उन्होंने सतारा जिले के कराड़ स्थित होली सेमली कॉन्वेंट हाईस्कूल से 89% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। बारहवीं की पढ़ाई उन्होंने अमरावती जिले के शिवाजी साइंस कॉलेज नामक स्कूल से भौतिकी,रसायन,गणित विषयों के साथ 89% अंकों के साथ उत्तीर्ण की।

फिर पुणे के कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग पुणे सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री 69% अंकों के साथ प्राप्त की। 2013 में वे मात्र 20 वर्ष की उम्र में बीटेक गौरव ने कंप्लीट कर लिया था। 21 वर्ष नहीं होने के चलते वे इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा दिलाने के लिए पात्र नहीं थे। पर 2014 में 21 वर्ष की उम्र होने पर इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा अपने फर्स्ट अटेम्प्ट में ही फर्स्ट रैंक के साथ निकाल लिया। यूपीएससी के द्वारा ली जाने वाली इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की परीक्षा में गौरव राय ने देश भर में फर्स्ट रैंक प्राप्त किया। उनका एलएंडटी और महिंद्रा में भी कैंपस सलेक्शन हुआ लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।

इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस में सलेक्ट होकर गौरव ने रेलवे चुना था। इंजीनियरिंग सर्विस के ट्रेनिंग में भी वे गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे उन्होंने 2014 से 2019 तक रेलवे में सेवा दी। इस दौरान रेलवे की ही तरफ से ट्रेनिंग के दौरान पुणे की सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी पुणे से रेल टेक्नोलॉजी में एमटेक किया।

रेलवे में नौकरी करने के दौरान ही गौरव राय ने यूपीएससी सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू कर दी। उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट भी सिविल इंजीनियरिंग ही था। यूपीएससी के फर्स्ट अटेम्प्ट में उनका प्री क्लियर नहीं हुआ। दूसरे अटेम्प्ट में प्री तो क्लियर हुआ पर मेंस नही निकला। तीसरी प्रयासों को फिर से प्री नहीं निकला। चौथा अटेम्प्ट दिलाने के लिए गौरव ने रेलवे से छुट्टी ली और पूरे मनोयोग से परीक्षा की तैयारी की। गौरव ने ठान रखा था कि यदि चौथे प्रयास में भी यूपीएससी क्रैक नहीं होता तो वह अगला प्रयास नहीं देंगे। चौथे प्रयास में प्रारंभिक, मुख्य व इंटरव्यू दिलाते हुए 204 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की और आईपीएस बने।

कौन है आईपीएस प्रभात कुमार

आईपीएस प्रभात कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। आईआईटी से बीटेक की डिग्री लेने वाले प्रभात कुमार ने यूपीएससी क्रैक करने से पहले सात अन्य नौकरियां भी की हैं। वर्तमान में वे नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक हैं।

जन्म और शिक्षा

प्रभात कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी है। मूलतः वे बिहार के रहने वाले है। उनका जन्म 14 मार्च 1987 को हुआ है। उनके पिता ट्रांसपोर्टर हैं। उनकी स्कूली शिक्षा पहली से 12वीं तक एक गांव के स्कूल से हुई है। फिर उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की। उन्होंने एमएससी भी की है। उनका कैंपस सलेक्शन प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर हुआ। जिसमें उन्होंने 2011 से 2013 तक काम किया। अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाएं निकालकर सात नौकरियां उन्होंने निकाली है। लेकिन फिर 2018 में वे यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने।

प्रोफेशनल कैरियर

प्रभात कुमार ने 16 दिसंबर 2019 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के बाद प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर फील्ड ट्रेनिंग के लिए उनकी पोस्टिंग रायगढ़ जिले में हुई। रायगढ़ में वे कोतरारोड़ थाना प्रभारी रहें। रायगढ़ के बाद दुर्ग जिले में सीएसपी छावनी के पद पर पदस्थ रहे। दुर्ग के बाद एडिशनल एसपी सुकमा रहे। वर्तमान में प्रभात कुमार नारायणपुर जिले के एसपी हैं। नारायणपुर में पदस्थ रहने के दौरान उनके नेतृत्व में चलाए जा रहे ऑपरेशन में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सफलता मिल रही है। नक्सली बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं। साथ ही गिरफ्तार हो रहे हैं।

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