छत्तीसगढ़-रायपुर में सैन्य प्रदर्शनी एक दिन और बढ़ी, CM साय ने सेना के अदम्य साहस को सराहा

छत्तीसगढ़-रायपुर में सैन्य प्रदर्शनी एक दिन और बढ़ी, CM साय ने सेना के अदम्य साहस को सराहा

रायपुर.

छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित भव्य सैन्य समारोह और प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय का जैकेट पहनाकर सेना ने अपने अंदाज में स्वागत किया। मुख्यमंत्री साय ने दो दिवसीय सैन्य प्रदर्शनी को आम नागरिकों के उत्साह को देखते हुए एक दिन बढ़ाने की घोषणा की। अब प्रदर्शनी का आयोजन सात अक्टूबर तक किया जाएगा। प्रदर्शनी दिन में सुबह आठ बजे से दस बजे तक एवं शाम को छह बजे से रात आठ बजे तक आयोजित की जायेगी।

प्रदर्शनी में भीष्म टी-90 टैंक, बीएमपी, एल-70 और अन्य आधुनिक सैन्य उपकरणों का अवलोकन कर सकेंगे, जिनका उपयोग हमारे सशस्त्र बलों ने दुश्मनों के खिलाफ विजय प्राप्त करने में किया है। इसके साथ-साथ आप पैरा जंपिंग, खुखरी डांस, डेयर डेविल मोटरसाइकलिंग और घुड़सवारी जैसे हैरतअंगेज और अद्भुत प्रदर्शन का आनंद भी ले पाएंगे। सीएम साय ने प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण में से एक टैंक टी-90 भीष्म का भी अवलोकन किया और इसकी क्षमता और विशेषता की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सेना में उपयोग होने वाले अत्याधुनिक हथियारों, ड्रोन, रायफल सहित भूतपूर्व सैनिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, अग्निपथ योजना, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टाल का अवलोकन किया। सैन्य प्रदर्शनी के दौरान भारतीय सेना द्वारा युद्ध में उपयोग किए गए तथा वर्तमान में उपयोग किये जा रहे विभिन्न हथियारों, टैंक, रायफल आदि का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में ऐसे टैंक और हथियार भी शामिल हैं, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं है और सेना ने इसे एक धरोहर के रूप में संजो कर रखा है। साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी स्टालों का अवलोकन किया और सेना के अधिकारियों से जानकारी ली। सैन्य प्रदर्शनी समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इस प्रदर्शनी में अपनी सेना की ताकत, उनकी क्षमता और हमारे वीर जवानों के शौर्य को देखकर रोमांचित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए सेना का एक अकेला जवान ही काफी होता है। सेना की वर्दी में किसी चुस्त-दुरूस्त जवान को देखकर ही हमारे भीतर जोश आ जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर जब हम कर्तव्य-पथ पर अपने सैनिकों को परेड करते हुए देखते हैं, तब हर भारतीय के मन में विचार अवश्य आता है कि काश हम भी भारतीय सेना का हिस्सा होते। उन्होंने कहा कि हमारी यह सेना संख्या दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में गिनी जाती है। हमारी यह सेना अपने अनुशासन और दक्षता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

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