पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गलत फ्रेंचाइजी के लिए खेला.
संजय मांजरेकर ने RCB फैंस को दी गहरी चोट, डिविलियर्स पर दिया चौंकाने वाला बयान, बोले- उनका जूस नहीं…
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गलत फ्रेंचाइजी के लिए खेला. डिविलियर्स ने 2008 में दिल्ली कैपिटल्स (पूर्व में दिल्ली डेयरडेविल्स) के लिए आईपीएल में अपना डेब्यू किया था. उसके बाद वह 2011 से 2011 तक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के साथ रहे.
डिविलियर्स का नहीं हुआ सही इस्तेमाल
14 साल तक टूर्नामेंट खेलने के बाद वह एक भी आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीत पाए. इसके बावजूद डिविलियर्स आईपीएल में भाग लेने वाले महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं. मांजरेकर के अनुसार, डिविलियर्स का आईपीएल में सही उपयोग नहीं किया गया था. पूर्व भारतीय बल्लेबाज का मानना है कि डिविलियर्स को क्रम में ऊपर बल्लेबाजी करनी चाहिए थी और उन्होंने यह भी कहा कि वह गलत फ्रेंचाइजी के लिए खेले.
मांजरेकर ने क्या कहा?
स्टार स्पोर्ट्स शो के दौरान जब पूछा गया कि क्या सूर्यकुमार यादव ने एबी डिविलियर्स के मिस्टर 360 की उपलब्धि को हासिल कर लिया है इस पर मांजरेकर ने कहा, "मैं हां कहूंगा, मैच विजेता प्रभाव के कारण. एबी अविश्वसनीय थे. लेकिन एबी की महानता यह थी कि उन्होंने टेस्ट में 50 का औसत निकाला. यहां तक कि वनडे में भी. तो वह एक अद्भुत खिलाड़ी हैं. लेकिन अगर आप केवल टी20 क्रिकेट को देखें तो मैंने उन दोनों को बहुत देखा है. आईपीएल में एबी के वास्तविक क्षमता का सही उपयोग नहीं किया गया था. इसलिए, आईपीएल में हमें उनका इतना रस नहीं मिला. यह कहने में माफी चाहूंगा, लेकिन उन्होंने गलत फ्रेंचाइजी के लिए खेला. आईपीएल में हमने उनका उतना जूस नहीं निकाला. अगर वह कहीं और खेलते, तो हम एबी डिविलियर्स की महानता देख सकते थे.''
डिविलियर्स का रिकॉर्ड
डिविलियर्स आरसीबी के दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. विराट कोहली की स्टार टीम के लिए 156 मैचों में उन्होंने दो शतक और 37 अर्द्धशतकों की मदद से 4491 रन बनाए. वह आईपीएल में 5000 से अधिक रन बनाने वाले सात खिलाड़ियों में से एक हैं. वह दिल्ली कैपिटल्स और आरसीबी दोनों के लिए कभी खिताब नहीं जीत सके. यहां तक कि इन दोनों टीमों को भी अपने पहले खिताब का इंतजार है.