किसानों का एक साल पूरा, 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत

किसानों का एक साल पूरा, 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत

सरवन सिंह: पिछले साल 13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को एक साल पूरा होने वाला है. ऐसे में एक साल पूरा होने पर किसानों की ओर से 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर महापंचायत रखी गई है. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मोदी सरकार पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर की दीवार पंजाबियों को संकेत देती है कि देश की राजधानी में उनकी कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी और मनोहर लाल खट्टर द्वारा बनवाई गई दीवार ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर भारत के व्यापारी और ट्रांसपोटरों को नुकसान किया है. ऐसी ही दीवार जब इस बार बजट पेश हुआ हुआ तो किसान और मजदूरों के लिए बना दी गई कि हम आपको कुछ भी देने वाले नहीं हैं. ये बजट सिर्फ देश कॉरपोरेट के लिए पेश किया गया और आम जनता को कुछ भी नहीं दिया गया.

सरवन सिंह पंढेर का आरोप: बजट में किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं
सरवन सिंह पंढेर ने केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए महज 3.38 प्रतिशत बजट आवंटित किए जाने पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को फिर से कर्ज के जाल में धकेलने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सीमा तीन से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है.

पंढेर ने लोगों से की ये अपील?
पंढेर ने कहा, "इसलिए हम देश की जनता और किसान मजदूर के सामने ये बात रखना चाहते हैं कि इस देश में बोला तो जा रहा है कि डेमोक्रेसी है, आपको अपनी बात करने का हक है, लेकिन शंभू बॉर्डर से देश की राजधानी में जाने का हक हमें नहीं है. इस वजह से हम कह रहे हैं कि किसान मजदूर के पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. इसलिए 13 फरवरी को होने वाली महा पंचायत में पंजाब, हरियाणा के सभी किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे.

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