रायपुर
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने दिनभर की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। विधानसभा की कार्यवाही बहिष्कार को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस की निंदा की है।
मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि “पिछली सरकार में माफियाराज चला और अब जो घोटाले हुए हैं, उन पर कार्रवाई होना तय है। विधायक चाहे भाजपा के हों या कांग्रेस के, अगर किसी ने घोटाले को अंजाम दिया है तो जांच होगी। पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल में किस तरह माफियाराज चला। कांग्रेस के नेताओं ने घोटाले किए और अब उन्हीं पर कार्रवाई हो रही है।”
उन्होंने विपक्ष के हंगामे पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया, जबकि वे अपनी बात बाद में भी रख सकते थे। उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव खुद कांग्रेस विधायकों को मनाने गए थे, लेकिन उन्होंने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।
‘लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही कांग्रेस’
ओपी चौधरी ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा, “विधानसभा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत है, जहां जनता के करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। सदन की प्रक्रिया को बाधित करना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट पहुंचाने जैसा है।”
बता दें कि भूपेश बघेल के निवास पर ED की टीम ने आज तड़के छापेमारी की है। जानकारी के अनुसार, ED की टीम भिलाई स्थित भूपेश बघेल के आवास सहित चैतन्य बघेल के घर और प्रदेशभर में कुल 14 ठिकानों पर ईडी की टीम ने दबिश दी है। फिलहाल, ईडी की अलग-अलग टीमें रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों में एक साथ छापेमारी की है, जहां महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है।
भूपेश बघेल ने इसे ‘षड्यंत्र’ बताया
सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।
किन मामलों में हो रही जांच?
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े मामलों में की जा रही है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह छापेमारी किस विशेष मामले से जुड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम सामने आया था, जिसके बाद से ही वे ईडी के रडार पर थे।