इजरायल की ही सैन्य टुकड़ी पर ऐक्शन लेने जा रहा अमेरिका, आगबबूला हो गए बेंजामिन नेतन्याहू…

इजरायल की ही सैन्य टुकड़ी पर ऐक्शन लेने जा रहा अमेरिका, आगबबूला हो गए बेंजामिन नेतन्याहू…

इजरायल और अमेरिका की दोस्ती बहुत पुरानी है लेकिन बाइडेन प्रशासन यहूदी देश की एक सैन्य टुकड़ी पर प्रतिबंध लगाने के विचार कर रहा है।

पहली बार है जब अमेरिका अपने ही दोस्त इजरायल के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। ऐक्सियस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जल्द ही इजरायली सैन्य टुकड़ी ‘नेत्जाह येहुदा’ पर प्रतिबंध का ऐलान कर सकते हैं।

इस सैन्य टुकड़ी पर वेस्ट बैंक में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप है। जानकारी के मुताबिक इस सैन्य टुकड़ी को अमेरिका अब ट्रेनिंग नहीं देगा। 

रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंध लगने के बाद यह सैन्य टुकड़ी अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएगी। 1977 में अमेरिका के सीनेटर पैट्रिक लियाही ने एक कानून का प्रारूप बनाया था जिसके तहत अगर किसी भी सैन्य या पुलिस टुकड़ी पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगते हैं तो उसे अमेरिकी सेना ट्रेनिंग या फिर हथियार नहीं देती है। इसे लियाही कानून के तौर पर जाना जाता है। 

अमेरिका पर आगबबूला हो गए इजरायली पीएम
इटली में जी7 देशों की बैठक के दौरान ही ब्लिंकन ने प्रतिबंध को लेकर संकेत किया था। बता दें कि ये प्रतिबंध वेस्टबैंक में सैन्य कार्रवाई को लेकर होंगे जो कि 7 अक्टूबर पहले ही की गई थी।

अमेरिका के इस फैसले को लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा, इजरायली सेना पर इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगने चाहिए।

हमने इसको लेकर अमेरिका के सीनियर अधिकारियों से बात की है कि हम पर किसी भी तरह का प्रतिबंध उचित नहीं है।

नेतन्याहू ने कहा, ऐसे वक्त में जब हमारे जवान आतंकवादियों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में इजरायली सेना की टुकड़ी के खिलाफ ऐक्शन लेना नैतिकता के खिलाफ है।

हमारी सरकार इस तरह के कदमों के खिलाफ हर तरह से खड़ी रहेगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आईडीएफ की अन्य टुकड़ियों और पुलिस के खिलाफ भी अमेरिका ने जांच करवाई थी जिनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

बता दें कि इजरायली सेना की नेत्जाह येहूदा बटालियन में ऐसे लोगों की भर्ती की जाती है जो कि अपनी मान्यताओं के साथ समझौता किए बिना सेना में सेवा दे सकते हैं।

यह एक तरह से धार्मिक टुकड़ी है जिसे महिलाओँ से बात करने की भी परमीशन नहीं होती है। वहीं इसे धार्मिक अध्ययन के लिए भी सुविधाएंदी जाती हैं।

यह पैदल सैनिकों की टुकड़ी है। दिसंबर 2022 में इस यूनिट को वेस्ट बैंक से बाहर भेज दिया गया था। 

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