जीत के बाद BJP सांसद के प्रति कल्पना सोरेन का ऐसे उमड़ा प्यार

सियासत और चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ दांव-पेंच, शह-मात की चालें अनवरत चलती रहती हैं, लेकिन जब धुर विरोधी जब गिले-शिकवे भूलकर निजी जिंदगी में एक-दूसरे के गले मिल जाएं तो ऐसी तस्वीर हर किसी को सुकून देती है. झारखंड में एक ऐसी ही तस्वीर की चर्चा है. यह तस्वीर झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. इसमें वह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और कोडरमा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लगातार दूसरी जीत दर्ज करने वाली अन्नपूर्णा देवी से बेहद प्रसन्न भाव के साथ गले मिल रही हैं.

कल्पना सोरेन भी अब गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं. उन्होंने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, "झारखंड से विजयी दोनों महिला सांसद, आदरणीय बड़ी बहन श्रीमती जोबा मांझी जी और श्रीमती अन्नपूर्णा देवी जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. मुझे अत्यंत खुशी है कि आप दोनों लोकसभा में झारखंड की आधी आबादी की सशक्त आवाज बन हमारे मुद्दों को देश के पटल पर रखेंगी और उनका स्थायी समाधान ढूंढेंगी. आप दोनों को जोहार."

कल्पना सोरेन जिस गांडेय विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बनी हैं, वह उसी कोडरमा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जहां से अन्नपूर्णा देवी दोबारा सांसद चुनी गई हैं. लोकसभा सीट पर अन्नपूर्णा देवी ने अपने प्रतिद्वंद्वी सीपीआई एमएल के विनोद सिंह को 3 लाख 44 हजार 14 मतों के फासले से पराजित किया, जबकि कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा सीट पर भाजपा के दिलीप कुमार वर्मा को 27 हजार 149 मतों से पीछे छोड़ा.

मंगलवार को गांडेय विधानसभा उपचुनाव और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के मतों की गिनती गिरिडीह में बनाए गए मतगणना केंद्र में एक साथ हो रही थी और उस दौरान अन्नपूर्णा देवी और कल्पना सोरेन दोनों एक साथ वहां मौजूद थीं. चुनाव अभियान के दौरान दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर प्रचार किया था, लेकिन वोटों की गिनती के बाद जैसे ही दोनों की जीत का ऐलान हुआ, दोनों भाव विह्वल होकर एक-दूसरे के गले लग गईं.

अन्नपूर्णा देवी और कल्पना सोरेन दोनों की सियासत में एंट्री की परिस्थितियों में एक हद तक समानता है. अन्नपूर्णा देवी अपने पति और कोडरमा के विधायक रहे रमेश प्रसाद यादव के असमय निधन के बाद राजनीति में आई थीं, तो कल्पना सोरेन ने अपने पति हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद तीन महीने पहले राजनीति में कदम रखा है.

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