2019 की तुलना में 2024 में क्षेत्रवार कैसे रहे नतीजे, किस पार्टी को कहां फायदा और कहां हुआ नुकसान?

2019 की तुलना में 2024 में क्षेत्रवार कैसे रहे नतीजे, किस पार्टी को कहां फायदा और कहां हुआ नुकसान?

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। 4 जून के परिणामों में लोगों की नजरें क्षेत्रवार नतीजों पर भी हैं। तमाम दलों ने क्षेत्र के हिसाब से अपनी रणनीतियां बनाईं और इसके तहत चुनाव प्रचार किया है। नतीजे बताएंगे कि किसकी मेहनत कितनी रंग लाई। 

उत्तर भारत में भाजपा को बड़ा झटका

इस क्षेत्र में लोकसभा की कुल 205 सीटें आती हैं। ये सीटें जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड को मिलाते हुए कुल 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की हैं। इस लोकसभा चुनाव में 205 में से 90 सीटें भाजपा के खाते में गईं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 32 सांसद जीते। वहीं 83 सीटों पर अन्य को जीत मिली। पिछले लोकसभा चुनाव में 205 में से 146 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। कांग्रेस के महज 11 सांसद ही जीत सुनिश्चित कर पाए थे। वहीं 48 सीटों पर अन्य को जीत मिली थी।

 

दक्षिण भारत में भाजपा-कांग्रेस से आगे क्षेत्रीय दल

इस क्षेत्र से कुल 132 सांसद चुनकर आते हैं। दक्षिण भारत की ये सीटें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार जैसे कुल आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आती हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में 132 में से कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने 30 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं इन दलों से काफी आगे क्षेत्रीय पार्टियों के 60 सांसद चुने गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में 132 में से कांग्रेस और भाजपा दोनों ने 29-29 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं क्षेत्रीय पार्टियों के 74 सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे। 

 

पश्चिम भारत में भाजपा को नुकसान तो कांग्रेस को फायदा

इस क्षेत्र से लोकसभा की कुल 78 सीटें आती हैं। ये सांसद गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा नगर हवेली, दमन-दीव से चुनकर संसद पहुंचते हैं। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 78 में से 36 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस के केवल 15 उम्मीदवार लोकसभा संसद चुने गए। वहीं अन्य दलों के 27 सांसद जीते हैं। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 78 में से 51 सीटों पर अपना परचम लहराया था। वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी के केवल दो उम्मीदवार लोकसभा संसद चुने गए थे। वहीं अन्य दलों के 25 सांसद जीतकर संसद पहुंचे थे। 

पूर्वी भारत में अन्य दलों और भाजपा की टक्कर 

देश के इस हिस्से से कुल 88 सीटें आती हैं। ये सांसद पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और नगालैंड जैसे 10 राज्यों से चुने जाते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में 88 में से 45 सीटों पर भाजपा ने सफलता हासिल की। दूसरी ओर कांग्रेस के केवल नौ सांसद लोकसभा तक पहुंचेगे। इसके अलावा 35 सांसद अन्य दलों के जीतकर आए।  पिछले लोकसभा चुनाव में 88 में से 40 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस के महज सात सांसद संसद के निचले सदन तक पहुंचे थे। इसके अलावा 41 सांसद अन्य दलों के जीतकर आए थे। 

मध्य भारत में एक सीट पर सिमटी कांग्रेस 

इस क्षेत्र में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं। जहां मध्य प्रदेश से लोकसभा के 29 सांसद चुने जाते हैं तो छत्तीसगढ़ में 11 सीटें हैं। इस चुनाव में 40 में से 39 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र एक सीट ही आई। पिछले चुनाव में 40 में से 37 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र तीन सीटें ही आई थीं।

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