रायपुर : 300 लीटर महुआ शराब व 3600 किलो लाहन …
Read More »इस प्रकार होता है दैवीय गुणों का विकास
दैवीय गुणों का विकास करने के लिए आध्यात्मिक जीवन के अभ्यासी बनें क्योंकि इस जीवनशैली में स्वाभाविक रूप से जीवन की सिद्धि, सफलताएं, समाधान और कल्याण के सूत्र मौजूद हैं। इसमें क्षमाशीलताएं, विनय और परमार्थ जैसे अनेक सद्गुणों का स्थायी वास रहता है। जन्म, जरा और मृत्यु भौतिक शरीर को सताते हैं आध्यात्मिक शरीर को नहीं। आध्यात्मिक व्यक्ति ईश्वरीय शक्ति …
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