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आज भी धरती पर विचरण करते हैं संत कृपाचार्य, 7 चिरंजीवियों में से माने जाते हैं एक, जो थे कौरवों और पांडवों के गुरू

आज भी धरती पर विचरण करते हैं संत कृपाचार्य, 7 चिरंजीवियों में से माने जाते हैं एक, जो थे कौरवों और पांडवों के गुरू

महाभारत के युद्ध की गाथा हर कोई जानता है. इसके अलावा पांडवों और कौरवों के बारे में भी सभी जानते हैं. गुरू कृपाचार्य महर्षि गौतम शरद्वान के पुत्र थे और वे पांडवों और कौरवों दोनों के गुरू भी थे. हालांकि, यह बात अलग है कि उन्होंने युद्ध कौरवों की ओर से लड़ा था लेकिन एक गुरू होने के नाते उन्होंने …

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पहाड़ी पर स्थित है देवी जीवदानी का मंदिर, यहीं पर पांडव ने भी की थी माता की अराधना

पहाड़ी पर स्थित है देवी जीवदानी का मंदिर, यहीं पर पांडव ने भी की थी माता की अराधना

नयगांव के अलावा विरार में भी एक मंदिर है. जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. मां जीवदानी का मंदिर विरार में जीवदानी नामक पहाड़ी पर स्थित है. यह पहाड़ विरार का सबसे महत्वपूर्ण स्थल है. यह देवी जीवदानी के अपने एकमात्र मंदिर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं, यहां माता के दर्शन के लिए जो लगभग 1300 …

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आस्था और इतिहास का संगम है भारेश्वर मंदिर, महाभारत काल में भीम ने की थी शिवलिंग की स्थापना

आस्था और इतिहास का संगम है भारेश्वर मंदिर, महाभारत काल में भीम ने की थी शिवलिंग की स्थापना

भारत एक ऐसा देश है जिसका इतिहास, संस्कृति और कथाएं वैश्विक स्तर पर चर्चा का केंद्र बनी रहती हैं. ऐसी ही एक प्राचीन कथा है जो पांडवों की आस्था से जुड़ी हुई है. चंबल घाटी में स्थित भारेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान भीम ने इस मंदिर में शिवलिंग …

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