बड़ा चमत्कारी है काली मां का यह मंदिर, जमीन चीरकर प्रकट हुई थी माता, दिन में तीन बार बदलती है स्वरूप

बड़ा चमत्कारी है काली मां का यह मंदिर, जमीन चीरकर प्रकट हुई थी माता, दिन में तीन बार बदलती है स्वरूप

गोरखपुर के गोलघर स्थित मां काली का प्राचीन मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर पहुंचते हैं. इस मंदिर से जुड़ी मान्यताएं बेहद खास हैं कहा जाता है कि, यहां स्थापित मां काली की प्रतिमा स्वयं धरती से प्रकट हुई थी, और तब से लेकर आज तक यह मंदिर चमत्कारों का साक्षी बना हुआ है.

मां काली का जमीन चीरते हुए हुई प्रकट

मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोग बताते हैं कि इस स्थान पर पहले घना जंगल हुआ करता था. वर्षों पहले इसी जंगल में जमीन को चीरते हुए मां काली का मुखड़ा प्रकट हुआ था. इस घटना ने स्थानीय लोगों को चकित कर दिया और धीरे धीरे इस स्थान पर भक्तों का जमावड़ा लगने लगा. पूर्व उपसभापति मनू जायसवाल बताते हैं कि उनके पूर्वज जंगीलाल जायसवाल ने इस स्थान पर श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए मंदिर का निर्माण कराया.

भक्तों के विश्वास का केंद्र

मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा के नीचे, उसी स्थान पर धरती से प्रकट हुआ स्वयंभू मुखड़ा आज भी स्थित है. यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है. कहा जाता है कि, मां काली की कृपा से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है, और यही कारण है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सुबह होते ही मंदिर के पट खुलते ही लंबी कतारें लग जाती हैं, और विशेष रूप से नवरात्र के समय मंदिर परिसर में मेले जैसा माहौल हो जाता है.

काली मां के दिव्य रूप में बदलाव

मंदिर के पुजारी श्रवण सैनी के अनुसार, गोलघर की मां काली को सिद्ध माता माना जाता है. उनका कहना है कि काली मां की प्रतिमा के स्वरूप में दिन में तीन बार बदलाव होता है. सुबह, दोपहर और शाम को माता का रूप अलग-अलग दिखता है. यह अद्भुत घटना श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास होती है और उनके विश्वास को और भी गहरा करती है.

नवरात्रि में विशेष आयोजन

नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का मेला लगता है. दूर दूर से लोग आकर विधि विधान से पूजा करते हैं और सुख समृद्धि की कामना करते हैं. इस समय मंदिर के आसपास प्रसाद और पूजन सामग्री की दुकानों की रौनक देखते ही बनती है, और भक्त मां काली की कृपा पाने के लिए यहां उमड़ पड़ते हैं.

About