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बेलपत्र पर क्यों लिखा जाता है राम का नाम, किसने की थी शुरुआत? काशी के ज्योतिष से सब जानिए

बेलपत्र पर क्यों लिखा जाता है राम का नाम, किसने की थी शुरुआत? काशी के ज्योतिष से सब जानिए

वाराणसी: भगवान शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है. यही कारण है कि सावन में सबसे ज्यादा शिवलिंग में बेलपत्र चढ़ाई जाती है. इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि पहली बार बेलपत्र पर राम का नाम किसने और क्यों लिखा था. इस रहस्य से काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. संजय …

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रात को कोई नहीं ले सकता इस मंदिर में एंट्री, आती है डरावनी आवाज, नियम नहीं माना तो होगी अनहोनी

रात को कोई नहीं ले सकता इस मंदिर में एंट्री, आती है डरावनी आवाज, नियम नहीं माना तो होगी अनहोनी

मथुरा: मंदिर में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम होते हैं. मंदिर में एंट्री से लेकर आरती तक, हर एक समय तय होता है. लेकिन क्या आपने एक ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां लोगों को रात को जाने की अनुमति नहीं होती. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा में है. न महिला-न पुरुष, कोई भी इस मंदिर में …

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उत्तराखंड के इस मंदिर में स्थापित है 1000 मिलियन वर्ष पुराना स्वयंभू शिवलिंग, स्कंदपुराण में है उल्लेख

उत्तराखंड के इस मंदिर में स्थापित है 1000 मिलियन वर्ष पुराना स्वयंभू शिवलिंग, स्कंदपुराण में है उल्लेख

पिथौरागढ़. थलकेदार पिथौरागढ़ का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल एवं प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर है, जो पिथौरागढ़ से लगभग 16 किमी कि दुरी पर बड़ाबे गांव की ऊंची चोटी पर 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह धार्मिक स्थान अपने स्वयंभू शिवलिंग के लिए सबसे प्रसिद्ध है, जो 1000 मिलियन वर्ष पुराना माना जाता है. उत्तराखंड में ऐसा दूसरा शिवलिंग केदारनाथ …

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